जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के मामलों में सरकार का प्रभुत्व अब पूरी तरह स्थापित हो चुका है। चुनाव प्रक्रिया ठप पड़ी है और एसोसिएशन पर राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एडहॉक कमेटी का नियंत्रण जारी (Adhoc committee continues to control) है। वैभव गहलोत के अध्यक्ष पद से हटने के बाद यह स्थिति बनी, जब नागौर जिला क्रिकेट संघ से ताल्लुक रखने वाले चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लेकिन जल्द ही सरकार ने एसोसिएशन की कार्यकारिणी भंग करते हुए एक एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया।
इस कमेटी का गठन शुरू में केवल तीन महीने के लिए किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य था एसोसिएशन के चुनाव कराना। हालांकि, इसे दो बार एक्सटेंशन दिया गया और अब बीते आठ महीनों से यह कमेटी राजस्थान क्रिकेट का संचालन कर रही है। राज्य के पूर्व खेल मंत्री अशोक चांदना (Former Sports Minister Ashok Chandna) ने इस स्थिति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार चुनाव प्रक्रिया पर विश्वास नहीं करती। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अध्यक्ष बने थे, तो उन्हें बिना चुनाव के क्यों हटाया गया।
खिलाड़ियों और क्रिकेट पर गहरा असर
एडहॉक कमेटी के लंबे शासन ने राजस्थान के क्रिकेट पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। चांदना ने यह भी कहा कि एसोसिएशन में कार्यकारिणी के अभाव में खिलाड़ियों का विकास रुका हुआ है। राज्य स्तरीय टूर्नामेंट समय पर आयोजित नहीं हो पा रहे हैं। BCCI से फंड की कमी के चलते एसोसिएशन के कर्मचारी चार महीनों तक वेतन से वंचित रहे, जिसे दिवाली के समय किसी तरह उपलब्ध कराया गया।
वित्तीय संकट और चुनाव की अनिश्चितता
वर्तमान में RCA की वित्तीय स्थिति बिगड़ती जा रही है। राज्य स्तरीय टूर्नामेंट और खिलाड़ियों की सुविधाओं पर इसका सीधा असर पड़ा है। हालांकि, कमेटी के सदस्य बीसीसीआई के अधिकारियों से फंड की मांग कर कुछ राहत लाने में सफल हुए, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। इसी बीच 28 दिसंबर को कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, लेकिन सरकार के रुख को देखते हुए एक और एक्सटेंशन की संभावना (possibility of extension) जताई जा रही है।
एडहॉक कमेटी पर गंभीर आरोप
एडहॉक कमेटी के कामकाज पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। गंगानगर जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि खिलाड़ियों और कोचों के चयन में भेदभाव किया जा रहा है। यह भी आरोप है कि चयन प्रक्रिया में केवल कमेटी के नजदीकी लोगों को तरजीह दी जा रही है।
आईपीएल आयोजन पर सरकार की योजना
राज्य सरकार के इस प्रभुत्व के बीच, माना जा रहा है कि राजस्थान में होने वाले आगामी IPL मुकाबलों का आयोजन भी सरकार की निगरानी में होगा। यह पहली बार होगा जब राजस्थान क्रिकेट (Rajasthan cricket) पर सरकार का इतना लंबे समय तक नियंत्रण देखने को मिल रहा है।
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राजस्थान क्रिकेट के इतिहास में यह पहली बार है जब इतने लंबे समय तक क्रिकेट का संचालन बिना चुनाव के एडहॉक कमेटी के हाथों में रहा है। इसके कारण खिलाड़ियों, टूर्नामेंट (players, tournament) और प्रशासनिक कार्यों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। ऐसे में सरकार को इस दिशा में जल्द चुनाव कराकर पारदर्शिता लाने की जरूरत है, ताकि राजस्थान क्रिकेट का गौरव पुनः स्थापित हो सके।