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सीजफायर रद्द करने की मांग को लेकर राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति भवन में याचिका

Former director of Rajasthan Seed Corporation Charmesh Sharma filed a petition in Rashtrapati Bhavan demanding cancellation of ceasefire

सीजफायर के बाद भी गोलाबारी पर पाक को 1971 की तरह सबक सिखाने की मांग

बूंदी । भारत और पाकिस्तान के युद्ध मे शनिवार को सीजफायर की घोषणा के कुछ घण्टे बाद ही पाकिस्तान द्वारा राजस्थान से सटे बाड़मेर व अन्य राज्यो के भारतीय क्षेत्र में भारी गोलाबारी व विस्फोटक ड्रॉन से हमला करने पर बूंदी निवासी राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम याचिका दायर कर भारत सरकार से सीजफायर रदद् कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की है।उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान में संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति जल थल नभ तीनो सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर होते है।

पाकिस्तान को 1971 की तरह सबक सिखाया जाये

सीजफायर रदद् करने को लेकर राष्ट्रपति भवन में दायर याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार को पाकिस्तान को 1971 की तरह वर्तमान में भी बिना किसी अंतराष्ट्रीय दबाव में आये करारा सबक सिखाना चाहिये।याचिका में कहा गया है कि 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध मे भी अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया था लेकिन तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी किसी भी विदेशी देश के दबाव में नही आयी और अंततः पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक सैनिकों को भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था।

डेढ़ सौ करोड़ भारतीय सेना के साथ खड़े है

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम याचिका में कहा गया है कि भारत के 150 करोड़ भारतीय नागरिक देश की सेना के साथ खड़े है। सभी देशवासी एक स्वर मे में चाहते हैं कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देकर करारा सबक सिखाया जाये। इसलिए भारत सरकार को तत्काल आधिकारिक रूप से सीजफायर को रद्द कर पाकिस्तान के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही करनी चाहिये।

सीजफायर के बाद भी विश्वासघात किया

सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान द्वारा गोलाबारी व हमला करने पर राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने द्वारा राष्ट्रपति भवन में दायर याचिका में कहा कि पाकिस्तान ने सीजफायर के बाद भी भारतीय क्षेत्र पर हमला कर भारत की पीठ पर छूरा घोंपकर विश्वासघात किया है।याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तान अलोकतांत्रिक देश है जहाँ सेना सरकार के नियंत्रण से बाहर है।पाकिस्तान में कई बार सेनाप्रमुख लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ कर वहां के प्रधानमंत्री को जेल में डालकर तानाशाह शासक बन जाते है।ऐसे में पाकिस्तान पर सीजफायर को लेकर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता है।


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देश की सम्प्रभुता ही सर्वोपरि

याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार को देश की की सम्प्रभुता एकता व अखण्डता को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिये और किसी भी अंतराष्ट्रीय दबाव में नही आना चाहिये।देश की सम्प्रभुता ही सर्वोपरि है।

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