कोटा। राजस्थान के कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में बुधवार देर रात एक हादसा हुआ, जिसने प्रशासन और छात्रों में हड़कंप मचा दिया। राजीव गांधी नगर स्थित एक बहुमंजिला हॉस्टल के इलेक्ट्रिक पैनल में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटें फैल गईं, जिससे हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स में भगदड़ मच गई। गनीमत रही कि रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
घटना की जानकारी और शुरुआती कार्रवाई
यह हादसा रात को उस वक्त हुआ, जब अधिकांश छात्र अपने कमरों में आराम कर रहे थे। अचानक इलेक्ट्रिक पैनल में हुए शॉर्ट सर्किट से आग भड़क उठी। आग की लपटों और धुएं को देखते ही छात्रों में अफरा-तफरी मच गई। हॉस्टल प्रबंधन ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीमें तत्काल हरकत में आईं और सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
फायर सेफ्टी और प्रबंधन की लापरवाही
पुलिस और नगर निगम की टीमों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पाया कि हॉस्टल में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। हालांकि, आग के कारणों का पता लगाने की जांच जारी है। पुलिस ने बताया कि हॉस्टल में उस समय कितने छात्र मौजूद थे, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इस घटना ने कोटा में हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही और फायर सेफ्टी उपायों की कमी को फिर से उजागर कर दिया है।
कोटा के हॉस्टल और मेस, सुरक्षा की बड़ी कमी
कोटा में देशभर से करीब 1.75 लाख स्टूडेंट मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। यहां गली-गली में हॉस्टल और खाने की मेस मौजूद हैं। हालांकि, इनमें से अधिकांश में फायर सेफ्टी और अन्य सुरक्षा मापदंडों का पालन नहीं किया जाता। यह पहली बार नहीं है जब कोटा के हॉस्टल में आग लगने की घटना सामने आई है। इससे पहले भी कई ऐसे हादसे हो चुके हैं, जो सुरक्षा उपायों की अनदेखी को उजागर करते हैं।
कोटा की अर्थव्यवस्था कोचिंग स्टूडेंट्स पर निर्भर
कोटा की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कोचिंग स्टूडेंट्स पर निर्भर है। यहां हजारों की संख्या में मेस और सैकड़ों हॉस्टल संचालित होते हैं, जो छात्रों को रहने और खाने की सुविधा प्रदान करते हैं। लेकिन सुरक्षा की अनदेखी इनकी कमाई पर भी सवाल खड़े करती है। हर बार हादसे के बाद प्रशासन सतर्क होता है, लेकिन स्थायी समाधान के प्रयासों की कमी दिखाई देती है।
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स्टूडेंट्स में दहशत और प्रशासन की जिम्मेदारी
आग लगने की इस घटना ने छात्रों को दहशत में डाल दिया है। घटना के बाद से पुलिस प्रशासन और नगर निगम ने सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की बात कही है। फायर सेफ्टी उपकरणों और हॉस्टल प्रबंधन की जवाबदेही तय करने की दिशा में काम किया जाएगा।