बैंक में कूटरचित दस्तावेज पेश करने का 12 वर्ष पुराना मामला
बून्दी। न्यायालय सेशन न्यायाधीश बूंदी ने संदीप पुरोहित (Sandeep Purohit) अंधेड़ फार्म हाउस थाना तालेड़ा जिला बूंदी द्वारा मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट बूंदी के 3 सितंबर 2022 को दिए गए निर्णय के विरूद्व की गई अपील को अस्वीकार करते हुए अपीलार्थी के विरुद्ध सीजेएम के पारित अपेक्षित निर्णय की पुष्टि करते हुए फेसले को यथावत रखा गया है। आदेशअनुसार किसान नेता पीसीसी सचिव संदीप पुरोहित की 3 वर्ष के कारावास कि सजा बरकरार रखा गया हे।
न्यायालय में अपने आदेश में कहा कि अपीलार्थी संदीप पुरोहित जमानत पर है तथा शनिवार को न्यायालय में उपस्थित भी नहीं हुआ। ऐसे में 4 नवंबर 2023 तक मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट बूंदी के न्यायालय में आत्म समर्पण करने के निर्देश दिए। संदीप पुरोहित की तरफ से अधिवक्ता कैलाश नामधराणी ने पैरवी की, जबकि सरकार की ओर से लोक अभियोजक योगेश यादव ने पैरवी करते हुए सरकार का पक्ष रखा।
गौरतलब है कि बून्दी के मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट ने कूटरचित दस्तावेज बैंक मे पेश कर कृषि ऋण लेने के 12 वर्ष पुराने मामले मे 3 सितंबर 2022 को बून्दी विधानसभा क्षेत्र के जाने माने नेता संदीप पुरोहित को तीन वर्ष के कारावास व 20 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया था।
संदीप पुरोहित ने बून्दी की इन्द्रा मार्केट स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से मृत व्यक्तियो के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर कृषि ऋण उठा लिया था। पुरोहित की तरफ आज भी बैंक का 63 लाख रूपया कृषि ऋण का बकाया चल रही रकम जमा करा दी। बैंक मे मृत व्यक्तियो के फर्जी दस्तावेज पेश कर ऋण उठाने पर बैंक के प्रबन्धक ने बून्दी कोतवाली में वर्ष 2011 मे मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने धारा 420 मे मुकदमा दर्ज कर बाद अनु़संधान के न्यायालय मे चालान पेश किया, जिस पर 3 सितंबर 2022 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कूटरचित दस्तावेज पेश करने के आरोप मे संदीप पुरोहित को तीन वर्ष के कारवास की सजा दी है।
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इस मुकदमे मे सरकार की और से पैरवी सहायक लोक अभियोजक हरि सिंह मीणा ने की थी। लोक अभियोजन अधिकारी ने प्रकरण में 12 गवाह व 131 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए थे। उल्लेखनीय है कि संदीप पुरोहित दो बार बून्दी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके है। वर्तमान मे पीसीसी सचिव है जो यह अन्धेड फार्म मे निवास करते है। अन्धेड फार्म की जमीनो को लेकर भी विवाद बना हुआ है।