in ,

राजस्थान में ED ने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की 135 करोड़ की संपत्ति की अटैच

ED attaches assets worth Rs 135 crore of Adarsh ​​Credit Cooperative Society in Rajasthan

राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की 135 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच (Attached assets worth Rs 135 crore of Adarsh ​​Credit Cooperative Society) कर लिया है। यह कदम PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत उठाया गया है, जिसमें सोसाइटी के संचालक मुकेश मोदी, उनके भाई राहुल मोदी (Director Mukesh Modi, his brother Rahul Modi) और अन्य परिजनों से जुड़ी संपत्तियों को निशाना बनाया गया है। यह कार्रवाई आठ वर्षों में 20 लाख निवेशकों से ठगी गए करोड़ों रुपये (Crores of rupees defrauded from 20 lakh investors) के मामले में की गई है।

आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने 1999 में अपनी स्थापना के बाद एक व्यापक नेटवर्क खड़ा किया था। देश के 28 राज्यों में इसके कुल 806 ब्रांच थे, जिनमें से 309 शाखाएं राजस्थान में संचालित थीं। इस नेटवर्क के जरिए 20 लाख निवेशकों को निवेश के नाम पर ठगा (20 lakh investors cheated in the name of investment) गया। सोसाइटी के संचालकों ने निवेशकों से ली गई राशि को नियमों के विपरीत अपने निजी खातों में ट्रांसफर किया और इसका उपयोग निजी लाभ के लिए किया।

अब तक इस मामले में आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की कुल 2075 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच (Society’s assets worth Rs 2075 crore attached) की जा चुकी हैं। जांच में यह खुलासा हुआ है कि मुकेश मोदी और उनके सहयोगियों ने निवेशकों की भारी भरकम राशि को योजनाबद्ध तरीके से गबन किया। मुकेश मोदी, जो इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, पहले से ही जयपुर जेल में बंद हैं। उन्हें पिछले साल जोधपुर में भी प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया था।

सोसाइटी के खिलाफ निवेशकों की शिकायतों के बाद यह मामला प्रकाश में आया। संचालकों ने आकर्षक रिटर्न का वादा करके लोगों को बड़े पैमाने पर अपनी योजना में शामिल किया। बाद में, इन पैसों को नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने निजी खातों और पारिवारिक संपत्तियों में स्थानांतरित कर दिया।

यह भी पढ़े: महिला नेता के सोशल मीडिया प्रबंधक की शर्मनाक हरकत, अश्लील वीडियो बनाकर 10 लाख की मांग

ईडी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि यह केवल निवेशकों की ठगी का मामला नहीं है, बल्कि धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का भी एक बड़ा उदाहरण है। अटैच की गई संपत्तियों में सोसाइटी के संचालकों और उनके परिजनों की अचल संपत्तियां शामिल हैं।

सिटी न्यूज़ राजस्थान चैनल को फॉलो करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Kirori Meena took back the post of minister, CM took a dig, said- one uncle and one baba…

किरोड़ी मीणा ने मंत्री पद वापस संभाला, CM ने ली चुटकी, कहा- एक मामा और एक बाबा…