राजस्थान की राजनीति में मंगलवार का दिन कई रंग लेकर आया, जब कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Agriculture Minister Kirori Lal Meena) ने राइजिंग राजस्थान समिट में अपनी उपस्थिति से सबका ध्यान खींचा। यह वही किरोड़ी लाल मीणा हैं, जिन्होंने कुछ महीने पहले मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। लेकिन इस समिट में उनकी मौजूदगी ने उनके वापस सक्रिय राजनीति में आने के संकेत दे दिए। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल गरमा दिया है।
किरोड़ी मीणा का इस्तीफा और वापसी
लोकसभा चुनाव में दौसा सीट पर हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए जुलाई में अपने मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकारा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस्तीफा भेज दिया। इस्तीफे के बाद से किरोड़ी मीणा ने न तो विभागीय बैठकों में भाग लिया और न ही सरकारी सुविधाओं का उपयोग किया। इसके बावजूद, उनका इस्तीफा सरकार की ओर से औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया। करीब पांच महीने की निष्क्रियता के बाद राइजिंग राजस्थान समिट में किरोड़ी मीणा (Kirori Meena at Rising Rajasthan Summit) ने कृषि मंत्री की हैसियत से मंच साझा किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार किया है।
राइजिंग राजस्थान समिट में उपस्थिति
राइजिंग राजस्थान समिट के एग्रीकल्चर सत्र में किरोड़ी मीणा (Kirori Meena in agriculture session) की मौजूदगी ने न केवल उनकी राजनीतिक वापसी को चिह्नित किया, बल्कि उनके और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच अच्छे तालमेल का भी प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan) भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री शर्मा ने सत्र के दौरान एक हल्के-फुल्के अंदाज में दोनों नेताओं का परिचय कराया। उन्होंने कहा, हमारे बीच एक मामा और एक बाबा मौजूद हैं, जिसमें मामा के रूप में शिवराज सिंह चौहान और बाबा के रूप में किरोड़ी मीणा का जिक्र किया। इस टिप्पणी से दर्शक हंसी नहीं रोक पाए, बल्कि मंच पर मौजूद नेताओं के चेहरे पर भी मुस्कान ला दी।
कालीखाड़ गांव की घटना का जिक्र
इस समिट से पहले किरोड़ी मीणा ने कालीखाड़ गांव में एक मासूम बच्चे के बोरवेल में गिरने की घटना पर बयान दिया था। उन्होंने आपदा प्रबंधन और राहत विभाग की ओर से 10 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई और जिला प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए। हालांकि, समिट में व्यस्तता के कारण वह स्वयं मौके पर नहीं जा सके। इस बयान से उन्होंने यह संकेत दिया कि भले ही वह पहले इस्तीफा देकर पीछे हटे थे, लेकिन अब वह फिर से जनता और अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
समिट के दौरान किरोड़ी मीणा ने प्रदेश में कृषि निवेश और संभावनाओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने राजस्थान की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था की चर्चा की और बताया कि कैसे राज्य में कृषि क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने निवेशकों को आमंत्रित किया और बताया कि सरकार की योजनाएं किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भजनलाल शर्मा का संबोधन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने इस मौके पर कृषि क्षेत्र की संभावनाओं पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि राजस्थान का अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, और सरकार इसे प्रगति का आधार बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में किए जा रहे सुधार और निवेश के अवसरों से न केवल कृषि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और समृद्धि भी आएगी।
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किरोड़ी मीणा की इस वापसी से साफ है कि राजनीति में परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं। जहां एक तरफ उन्होंने इस्तीफे के बाद खुद को पीछे कर लिया था, वहीं अब वह फिर से सक्रिय होते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंच साझा करना इस बात का संकेत है कि वह अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं।