बूंदी। यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे राजस्थान के निवासी भारतीय छात्र की मृत्यु हो गयी है। भारतीय छात्र अनुदित गौतम पासपोर्ट संख्या एस 3224580 यूक्रेन की बुकोविनियन यूनिवर्सिटी एमबीबीएस फाइनल वर्ष का विद्यार्थी (Bukovinian University of Ukraine MBBS Final Year Student) था। एमबीबीएस छठे वर्ष में अध्ययन कर रहे अनुदित की 6 महीने बाद एमबीबीएस की डिग्री पूरी होने वाली थी और वह भारत आने वाला था। शुक्रवार को इससे पहले ही परिवार के लिए दुःखद खबर आ गयी। मृत्यु का प्रारंभिक कारण ह्दय संबंधी रोग बताया जा रहा है।
विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले राजस्थान बीज निगम के निदेशक चर्मेश शर्मा ने झालावाड़ जिले के निवासी भारतीय छात्र (Indian students resident of Jhalawar district) अनुदित गौतम पुत्र सुमंत शर्मा की दिवंगत देह को पीड़ित परिवार के पास भारत पहुंचाने के लिये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका दायर की है। वहीं मामले में नई दिल्ली विदेश मंत्रालय और यूक्रेन कीव स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर मानवीय सहायता का आग्रह किया है। छात्र के परिवार के रिश्तेदार बूंदी रहते हैं जिन्होंने चर्मेश शर्मा को इस मामले की जानकारी देते हुये सहायता का आग्रह किया।
विदेश मंत्रालय में भी शिकायत दर्ज
भारतीय छात्र अनूदित गौतम पुत्र सुमंत शर्मा की दिवंगत देह को भारत लाने के लिये नई दिल्ली विदेश मंत्रालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा, यूरेशिया प्रभाग के संयुक्त सचिव के नाम इस मामले में चर्मेश शर्मा की ओर से अधिकृत शिकायत दर्ज की गयी है। विदेश मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार इस मामले को अभी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी देख रहे हैं। वही इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज हुयी है।
सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिये शीघ्र भारत लाया जाये
विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले चर्मेश शर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनो के अनुसार सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए भारतीय छात्र अनूदित गौतम की दिवंगत देह को शीघ्र भारत लाया जाना चाहिये। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम राष्ट्रपति भवन में दायर याचिका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर के नाम विदेश मंत्रालय में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है ऐसे समय पर मानवीय संवेदनाओं से जुड़े हुये इस गंभीर विषय पर भारत सरकार के द्वारा यूक्रेन सरकार से समन्वय स्थापित करते हुये तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिये।