बूंदी। राजस्थान विधानसभा में बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा (Bundi MLA Harimohan Sharma) ने मंगलवार को स्थगन प्रस्ताव के जरिए जिले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन के संबंध में जो अभियान चलाया जा रहा है। उस अभियान में बूंदी पुलिस बिना खनन विभाग के अधिकारियों के यह तय कर लेती है कि कहां अवैध खनन हो रहा है और कहां नहीं।
बूंदी पुलिस अधीक्षक की ओर से 100 दिवसीय कार्ययोजना के अंतर्गत एक प्रेसनोट जारी करके बताया कि उन्होंने अवैध खनन (Illegal mining) कर रहे वाहनों को जब्त किया हैं। इस गलत कार्रवाई के खिलाफ जब जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाया तो उन्हीं वाहनों को लेकर एक दूसरा प्रेसनोट पुलिस द्वारा जारी किया जाता हैं। जिसमें कहा जाता है कि यह वाहन लावारिस अवस्था में मिले हैं। इसलिए इन्हें जब्त किया गया हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के नाम पर पुलिस लगातार ज्यादती कर रही हैं। ऐसे में केवल अभियान ही नहीं चलाया जाए। बल्कि उसकी मॉनिटरिंग भी की जाए।
केशोरायपाटन विधायक सी.एल प्रेमी ने विधानसभा में उठाया अवैध खनन का मामला
वहीं, केशोरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी (Keshoraipatan MLA CL Premi) ने विधानसभा में नियम 295 विशेष उल्लेख पर बोलते हुए विधानसभा क्षेत्र केशोरायपाटन में अवैध खनन का मामला (Case of illegal mining in Keshoraipatan) पुरजोर ढंग से उठाया। विधायक प्रेमी ने सदन में कहा कि विधानसभा क्षेत्र केशोरायपाटन में सरकार, पुलिस, खान विभाग की मिलीभगत से खान माफिया लम्बे समय से अवैध खनन कर रहा है। खनन माफियाओं ने अवैध खनन कर इन्द्रगढ क्षेत्र के पहाडो को खोखला कर दिया है तथा लाखेरी में भी अवैध रूप से खनन कर पत्थर निकाला जा रहा है, लगातार हो रहे अवैध खनन से कभी भी गंभीर जनहानि होने की संभावना बनी हुई है।
खनन माफिया वन्य क्षेत्र से अवैध तरीके से पत्थर, मिट्टी निकालनें और पेड़ो की अवैध कटाई कर रहा है। लाखेरी, इन्द्रगढ, रामगढ विषधारी टाईगर रिर्जव क्षेत्र में शामिल है। यहां वन्य क्षेत्र में खनन माफियाओं और आसामाजिक तत्वों की गतिविधियों से वन्य जीवों की सुरक्षा खतरे है। खान माफियाओं द्वारा प्रतिदिन कापरेन के रोटेदा, बालोद और डोलर आदि क्षेत्रो एवं के.पाटन के सुनगर, बालिता आदि गांवो में चम्बल नदी से अवैध तरीके से बजरी निकाल रहे है।
अवैध खनन से चम्बल नदी के किनारे विकृत हो गये है तथा कभी भी कोई गंभीर हादसा घटित हो सकता है, प्रतिदिन बडी संख्या चम्बल नदी से रेतो की टोलिया मुख्य मार्गाे से होते हुए बाजारो में आ रही है। लेकिन प्रशासन की मिलीभगत होने से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही होती है। इससे खनन माफियाओं के हौंसले बुलन्द हो गये है। अवैध खनन से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष करोडों के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। उन्होनें सरकार से विधानसभा क्षेत्र केशोरायपाटन में खान माफिया पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जानें की मांग की।