जयपुर। राजस्थान की सियासत में एक नया मोड़ तब आया, जब कुंभलगढ़ से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया। शनिवार को सियासत की दो तस्वीरें सामने आईं- एक तरफ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने गृह क्षेत्र भरतपुर में जनसुनवाई कर रहे थे और अफसरों को जमकर फटकार लगा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायक राठौड़ ने अफसरशाही से परेशान होकर सीएम को चेतावनी दे दी कि यदि 15 दिन में किसानों को मुआवजा नहीं मिला, तो वे किसानों के साथ धरने पर बैठेंगे।

विधायक का पत्र हुआ वायरल
11 अक्टूबर को विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ (BJP MLA Surendra Singh Rathore) ने मुख्यमंत्री भजनलाल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार और अफसरों द्वारा किसानों को मुआवजा देने में देरी के खिलाफ आवाज उठाई। राठौड़ ने लिखा कि किसान परेशान (Farmers worried) हैं और मुआवजे के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। उनका यह पत्र तब सुर्खियों में आया जब मुख्यमंत्री भरतपुर में अफसरों को जनता के प्रति संवेदनशील रहने की नसीहत दे रहे थे। मुख्यमंत्री का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वे अफसरों को फटकार लगाते हुए कह रहे हैं, आम आदमी के प्रति संवेदना रखिए, इनके पैसों से ही आपको रोटी मिलती है।
अफसरशाही के हावी होने के आरोप
यह कोई पहला मौका नहीं है जब भाजपा के विधायकों ने अफसरशाही (Bureaucracy) के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले भी कई भाजपा नेता और विधायक सरकार को अफसरशाही के मुद्दे पर घेर चुके हैं। कुंभलगढ़ विधायक राठौड़ के अलावा, ब्यावर से भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने भी अफसरों पर कांग्रेस शासन के समय से बपौती जमाने के आरोप लगाए थे। रावत ने कहा था कि कई अफसर सरकार चलाने का अधिकार अपने हाथ में मानकर बैठे हुए हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता देवी सिंह भाटी ने भी उठाए थे सवाल
भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने भी अफसरशाही पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अफसरशाही इतनी हावी (Bureaucracy is so dominant) हो चुकी है कि विधायक और नेता, मुख्य सचिव के दरवाजे पर खड़े रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति में तत्काल बदलाव की आवश्यकता है।
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कांग्रेस ने साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार मुख्यमंत्री भजनलाल को घेरने का प्रयास कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था, यहां सरकार नहीं, सर्कस चल रहा है। गहलोत ने राज्य की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से विफल है और प्रदेश में डेंगू से लोग मर रहे हैं। गहलोत ने मुख्यमंत्री को दिल्ली के दौरे बंद कर राज्य की जनता का ध्यान रखने की सलाह दी।