जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार रात जयपुर में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्व अधिकारी युवराज मीणा को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार (Revenue officer Yuvraj Meena arrested red handed while taking bribe of Rs 3 lakh) किया। यह कार्रवाई राजस्थान विधानसभा के गेट के पास (Near the gate of Rajasthan Assembly) की गई, जहां अधिकारी युवराज मीणा अपने साथ एक प्राइवेट व्यक्ति को लेकर आया था। इस व्यक्ति ने विधानसभा गेट पर रिश्वत की रकम ली, और जैसे ही वह गेट से आगे बढ़ा, ACB की टीम ने उसे पकड़ लिया। थोड़ी दूरी पर घुमाव पर युवराज मीणा को भी कार में रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी से मांगी थी रिश्वत
ACB के एएसपी अभिषेक पारीक ने बताया कि यह रिश्वत का मामला अलवर में यूडी टैक्स वसूलने वाली एक कंपनी (A company collecting UD tax in Alwar) से जुड़ा है। अक्टूबर-नवंबर के दौरान इस कंपनी ने अलवर नगर निगम से टेंडर प्राप्त किया था। नगर निगम के राजस्व अधिकारी (Revenue Officer) युवराज मीणा ने कंपनी की फाइल को आगे बढ़ाने के बदले 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगी (Demanded bribe of Rs 3 lakh) थी। कंपनी के प्रतिनिधि ने इस मामले की शिकायत ACB से की, जिसके बाद ACB ने योजना बनाकर कार्रवाई को अंजाम दिया।
विधानसभा के गेट पर ली गई रिश्वत
कंपनी के प्रतिनिधि ने ACB की निगरानी में राजस्व अधिकारी को जयपुर में विधानसभा गेट के पास 3 लाख रुपये दिए। युवराज मीणा अपनी कार से एक प्राइवेट व्यक्ति को लेकर आया, जिसने गेट पर यह रिश्वत की रकम ली। जैसे ही प्राइवेट व्यक्ति ने पैसे लिए, ACB की टीम ने उसे तुरंत पकड़ लिया। थोड़ी ही देर बाद सड़क के घुमाव पर कार में बैठे युवराज मीणा को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
सर्च ऑपरेशन में जब्त हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज
गिरफ्तारी के बाद ACB ने युवराज मीणा के जयपुर स्थित आमेर के घर और अलवर नगर निगम कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया। सवेरे 4 बजे तक चले इस सर्च ऑपरेशन में कई महत्वपूर्ण फाइलें और प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज जब्त (Many important files and property related documents seized in search operation) किए गए। ACB का मानना है कि जब्त दस्तावेजों की जांच के बाद भ्रष्टाचार के कई अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है।
राजस्व हानि का मामला
अलवर नगर निगम में होर्डिंग टेंडर को लेकर पहले से ही गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं। टेंडर के अटकने के कारण नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। अब इस रिश्वत मामले के सामने आने के बाद अधिकारियों का मानना है कि जांच में अन्य गड़बड़ियों का भी खुलासा हो सकता है।
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ACB फिलहाल जब्त दस्तावेजों की जांच कर रही है और युवराज मीणा पर लगे आरोपों की गहन तहकीकात की जा रही है। इसके साथ ही, अन्य संभावित भ्रष्टाचार के मामलों की भी जांच की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम से अलवर नगर निगम में चल रही अनियमितताओं पर एक बार फिर से सवाल उठ खड़े हुए हैं।