Jaipur में एक 14 वर्षीय छात्र की आत्महत्या ने पूरे शहर को सदमे में डाल दिया है। नौवीं कक्षा के छात्र, ऐश्वर्य सिंह, ने अपने दोस्तों द्वारा कथित ब्लैकमेलिंग (Blackmailing) और पैसों की उगाही (extortion of money) से परेशान होकर अपनी जान ले ली। इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि यह सब उसके परिवार के सामने हुआ, CCTV में कैद हुआ, लेकिन जब तक उन्हें इसकी गंभीरता का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कैमरे के सामने मौत को गले लगाना
ऐश्वर्य के पिता, मानवीर सिंह, ने 3 जुलाई की भयानक घटनाओं को याद किया। ऐश्वर्य स्कूल से लौटा और बिना स्कूल यूनिफॉर्म बदले सीधा रसोई में चला गया। CCTV फुटेज में एक परेशान करने वाला क्रम दिखाई देता है: उसने कई बार जहर की बोतल खोलने की कोशिश की, हिचकिचाया, लेकिन अंततः हताशा में हार मान ली और उसे पी लिया। उसके परिवार वाले उसे तुरंत अस्पताल (Hospital) ले गए, लेकिन 6 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया।
सोशल मीडिया के ज़रिए Blackmailing
ऐश्वर्य की मौत की जांच में एक परेशान करने वाला सच सामने आया। उसके मोबाइल फोन की जाँच करने पर पता चला कि उसके “दोस्त” उसे इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप (Instagram and WhatsApp) पर वीडियो और चैट के ज़रिए ब्लैकमेल कर रहे थे। वे अपनी चुप्पी के बदले ₹2 लाख की मांग कर रहे थे। यह कोई अकेली घटना नहीं थी; ऐश्वर्य का कथित तौर पर इन्हीं दोस्तों के साथ 26 जून को पैसों को लेकर झगड़ा भी हुआ था। इन चैट और वीडियो (Chat and Video) के आधार पर अब उसका परिवार पुलिस (Police) कार्रवाई कर रहा है।
बच्चों के लिए सोशल मीडिया का खतरनाक पहलू
यह सिर्फ एक आत्महत्या (Suicide) नहीं, बल्कि एक गहरी सामाजिक बीमारी का संकेत है। बच्चों में मोबाइल फोन, सोशल मीडिया (Social Media) और नशे का बढ़ता प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य और, ऐश्वर्य जैसे दुखद मामलों में, उनके जीवन को भी निगल रहा है। ऐश्वर्य के मामले में, आरोपी किशोरों ने कथित तौर पर उसे नशे की लत (drug addiction) में धकेला और फिर उसे blackmail करने के लिए इसका इस्तेमाल किया।
अपने बच्चों की सुरक्षा: माता-पिता के लिए ज़रूरी कदम
यह त्रासदी माता-पिता और अभिभावकों के लिए सतर्क रहने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपने बच्चों की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं:
- व्यवहार में बदलाव पर ध्यान दें: उदासी, डर या अलगाव जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। ये संकेत हो सकते हैं कि आपका बच्चा भारी दबाव में है।
- उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखें: डिजिटल दुनिया में छिपे खतरे हो सकते हैं। इस बात से अवगत रहें कि आपके बच्चे अपने फोन और सोशल मीडिया पर क्या कर रहे हैं।
- उनकी दोस्ती के बारे में खुलकर बात करें: हर दोस्त का आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा हित नहीं होता है। उनके सामाजिक दायरे के बारे में खुली बातचीत को प्रोत्साहित करें।
- स्कूल अधिकारियों और पुलिस को तुरंत चिंताओं की सूचना दें: ऐश्वर्य चला गया, लेकिन दूसरों के लिए अभी भी कार्य करने में देर नहीं हुई है।
थोड़ी सी सतर्कता कई जिंदगियां बचा सकती है। सोशल मीडिया, नशा और ब्लैकमेलिंग (Social media, drugs and blackmailing) का यह खतरनाक जाल अब हमारे स्कूलों और घरों में घुस चुका है। इससे पहले कि कोई और बच्चा इसका शिकार हो, हमें अभी कार्रवाई करनी चाहिए।