टोंक। राजस्थान के बहुचर्चित टोंक जिले के समरावता प्रकरण के आरोपी नरेश मीणा जमानत पर बाहर आने के बाद आज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। नगरफोर्ट पुलिस थाने में हाज़िरी लगाने और टोंक के एससी एसटी कोर्ट में चार्ज फ्रेम होने की कार्रवाई न्यायिक कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के कारण टलने के बाद, नरेश मीणा ने मीडिया से खुलकर बात की। उन्होंने अपनी जनक्रांति यात्रा से लेकर परिवारवाद की राजनीति तक पर अपने विचार रखे, और अपने आंदोलन की तुलना शहीद भगत सिंह की शहादत और महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन से की।
जनक्रांति यात्रा में पैदल और नंगे पांव चलकर जतायेगें आभार
नरेश मीणा ने कहा कि जेल से निकलने के बाद उनका मन था कि वे छबड़ा और देवली विधानसभा के लोगों के घर-घर जाकर उनका धन्यवाद करें, क्योंकि आज जो कुछ भी वे हैं, वह उन्हीं की वजह से है। उन्होंने पूरे राजस्थान के लोगों और पत्रकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सबके प्यार को देखते हुए, वे अब पूरे राजस्थान में सड़कों पर, पैदल और नंगे पांव चलकर जनता का धन्यवाद और आभार व्यक्त करना चाहते हैं।
उन्होंने हजारों गांवों में लगे अपने बोर्डों का भी आभार व्यक्त किया। नरेश मीणा ने कहा कि राजस्थान की बड़ी समस्याओं को लेकर जनक्रांति यात्रा की पहल की जा रही है। उन्होंने इस पहल की तुलना देश को आज़ाद कराने के लिए भगत सिंह के इंकलाब जिंदाबाद और महात्मा गांधी के सत्याग्रह से की।
मीणा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश आज़ाद तो हो गया है, लेकिन अब नशाखोरी के कारण खोखला हो रहा है। उन्होंने कहा कि हजारों-लाखों युवा मौत के गले लग रहे हैं, और करोड़ों परिवार इस नशे की वजह से बर्बाद हो रहे हैं, कैंसर और अटैक से मर रहे हैं। इसी नशाखोरी के खिलाफ जनता को खड़ा करने के लिए नरेश मीणा भगत सिंह के आदर्शों पर चलते हुए सड़कों पर उतर रहे हैं।
इसके साथ ही, नरेश मीणा ने भ्रष्टाचार और मिलावटखोरी के खिलाफ आंदोलन को भी सही बताया और जनता को जागरूक व सतर्क करने के लिए जनक्रांति यात्रा निकालने की बात कही।
यात्रा का मार्ग और समापन
नरेश मीणा ने बताया कि यह यात्रा 21 जुलाई को दोपहर 12 बजे झालावाड़ के मनोहर थाना और छबड़ा विधानसभा पर स्थित कामखेड़ा बालाजी से शुरू होगी। यह यात्रा मनोहर थाना, छबड़ा, अटरू विधानसभा (बारां), सांगोद विधानसभा से होते हुए कोटा पहुंचेगी। कोटा से यह यात्रा लालसोट, गंगापुर सिटी और पूर्वी राजस्थान (धौलपुर, अलवर, दौसा) से होते हुए जयपुर, फिर चाकसू, निवाई, टोंक होते हुए देवली विधानसभा के नगरफोर्ट में समाप्त होगी।
उन्होंने बताया कि नगरफोर्ट में उनके जेल में रहते हुए लाखों लोगों ने उनकी रिहाई के लिए आंदोलन और महापंचायत की थी। उन्होंने अपनी रिहाई के लिए आंदोलन करने वाले, जेल में आकर मिलने वाले और सहयोग करने वाले सभी लोगों को यात्रा में शामिल होने का आह्वान किया।
सर्व समाज का आंदोलन
नरेश मीणा ने ज़ोर देकर कहा कि यह आंदोलन अब सिर्फ नरेश मीणा का नहीं, बल्कि सर्व समाज का आंदोलन है, जिसमें सभी लोग शामिल हों। उन्होंने अन्ना हजारे के आंदोलन के दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी जनक्रांति यात्रा का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग नहीं होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि अगर जनता का आशीर्वाद रहा, तो इसका असर सदियों तक देखने को मिलेगा।
इसके साथ ही, नरेश मीणा ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को भी पत्रकारों के सामने रखा और कहा कि इन मांगों को इस यात्रा के दौरान ही मान लिया जाना चाहिए, अन्यथा वे एक और बड़ा आंदोलन करेंगे। इस घोषणा के बाद से राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस और भाजपा दोनों की टेंशन बढ़ती दिख रही है।