राजस्थान के बारां जिले में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रमुख नदियां और तालाब उफान पर हैं, जबकि कई नाले ओवरफ्लो होने से सड़कें जलमग्न हो गई हैं और आवागमन बाधित हुआ है। जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है और राहत-बचाव कार्य चला रहा है।
कलेक्टर-एसपी ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
मंगलवार सुबह जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर और पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर जबर सिंह, तहसीलदार अभय राज और अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने ऊनी, केलवाड़ा, भंवरगढ़, किशनगंज और दैगनी पुलिया क्षेत्र का जायजा लिया। अधिकारियों को सतर्कता बरतने, जलभराव वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और आमजन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए।
पार्वती नदी के टापू पर फंसे 29 लोगों का सफल रेस्क्यू
बारां में बाढ़ के कारण एक बड़ी घटना सामने आई, जहां ग्राम पंचायत ख्यावदा की सीमा पर स्थित पीतामपुरा और रामपुरा के बीच चारागाह भूमि पर रुके हुए भेड़पालक पार्वती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण नदी के एक टापू में फंस गए थे। ये भेड़पालक पाली, ब्यावर, अजमेर, भीलवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों से आए थे।
सूचना मिलते ही तत्काल एसडीआरएफ टीम को मौके पर भेजा गया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर शाहाबाद, तहसील प्रशासन और जिला अधिकारी बारां से मौके पर पहुंचे। दैगनी पुलिया के रास्ते से प्रशासनिक टीम वहां पहुंची, जहां 21 पुरुष, 8 महिलाएं और बच्चे, कुल 29 लोग, साथ ही 2450 भेड़ें, 31 ऊंट, 1 खच्चर और 9 कुत्ते फंसे हुए थे।
एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से सभी 29 लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया और उन्हें ग्राम रामपुरा सुंडा के प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया। ग्राम पंचायत की ओर से उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था भी करवाई गई। राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर पूरी रेस्क्यू कार्रवाई की निगरानी की। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जलमग्न क्षेत्रों से दूर रहें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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राहत बचाव टीमों की तैनाती और निगरानी
प्रशासन द्वारा जिलेभर में बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्यों के लिए टीमें तैनात की गई हैं। सभी अधिकारियों को संभावित बाढ़ क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।