अब तक आप अपने गूगल Gmail अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए SMS द्वारा टू-फैक्टर वेरिफिकेशन (2FA) प्रक्रिया पूरी करना पड़ता था। जब आप अपने अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए इस प्रक्रिया में एक ओटीपी (OTP) प्राप्त करते थे। लेकिन Google ने अब इस पुरानी विधि को बदलने का निर्णय लिया है। अब आपको SMS के बजाय QR कोड्स का उपयोग करके जीमेल अकाउंट में लॉग-इन करना होगा।
गूगल ने किया सुरक्षा उपाय
Google ने यह निर्णय लिया है कि अब से एसएमएस-बेस्ड टू-फैक्टर वेरिफिकेशन की जगह QR कोड्स का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका अर्थ है कि अब आप अपने जीमेल अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए SMS से प्राप्त ओटीपी की जगह QR कोड को अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर से स्कैन करना होगा।
क्यूआर कोड्स का उपयोग कैसे होगा?
जब आप अपने जीमेल अकाउंट में लॉग-इन (Login to Gmail account) करने की कोशिश करेंगे, आपको पहले अपना पासवर्ड बताना होगा। आपके सामने इसके बाद एक QR कोड दिखाई देगा, जिसे अपने स्मार्टफोन के कैमरे से स्कैन करना होगा। इस प्रक्रिया से आपकी पहचान पुष्टि होगी और Google यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी सहमति से लॉग-इन किया जा रहा है।
क्योंकि QR कोड्स को बार-बार स्कैन करना पड़ता है और किसी साइबर अपराधी को इसे भेदना आसान नहीं होता, इसलिए यह प्रक्रिया एसएमएस-बेस्ड वेरिफिकेशन से कहीं अधिक सुरक्षित मानी जाती है।
एसएमएस कोड्स से जोखिम
SMS कोड्स अक्सर धोखाधड़ी का कारण बनते हैं। साइबर अपराधी नवीनतम तरीकों का उपयोग करके यूज़र्स के एसएमएस कोड्स हासिल कर लेते हैं या सिम स्वैपिंग जैसे तरीकों से फोन नंबर चुरा सकते हैं। इसलिए गूगल ने QR कोड्स (QR Codes) को एसएमएस वेरिफिकेशन सिस्टम की जगह QR कोड्स को अधिक सुरक्षित माना है।
गूगल के नवीनतम सुरक्षा उपायों
इस बदलाव के साथ, Google ने अपने उपयोगकर्ताओं को अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मल्टीपल फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन (MFA) के विकल्प भी प्रदान किए हैं। इसके अलावा, गूगल लगातार नए सुरक्षा उपायों और तरीकों को अपनाता रहता है, ताकि ग्राहकों का जीमेल अकाउंट सुरक्षित रहे।
यह भी पढ़े: घर लाएं ऐसा Ceiling Fan, किफायती, बिजली खपत कम, ठंडक का अहसास, आधुनिक तकनीक, आकर्षक डिजाइन
क्या Google कॉल वेरिफिकेशन जारी रखेगा?
अब तक, गूगल अपने ग्राहकों को एसएमएस और कॉल के माध्यम से वेरिफिकेशन का विकल्प (Verification option) देता था। इस बदलाव के बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि गूगल कॉल वेरिफिकेशन सिस्टम को जारी रखेगा या नहीं। फिलहाल इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।