भीलवाड़ा। जिले में जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देश पर चिकित्सा विभाग की टीम (Medical department team) ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर की कृषि मंडी स्थित जय भोलेनाथ शुगर ट्रेडिंग कंपनी पर छापा (Raid on Jai Bholenath Sugar Trading Company) मारा। इस कार्रवाई के दौरान टीम ने 240 किलो घी जब्त (240 kg ghee seized) किया। इस निरीक्षण का नेतृत्व सीएमएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी ने किया, जिन्होंने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए।
कंपनी के खाद्य पदार्थों की गहन जांच-पड़ताल
छापे के दौरान टीम ने मौके से घी, रिफाइंड तेल और चाय के नमूने जांच के लिए लिए गए (Samples of ghee, refined oil and tea were taken for testing)। टीम ने सभी उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की और यह सुनिश्चित किया कि वे खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मानकों पर खरे उतरते हैं या नहीं। इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी घनश्याम सिंह सोलंकी और सहायक कर्मचारी गोपाल शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने निरीक्षण कार्य में सहयोग प्रदान किया।
शिकायतों के आधार पर हुई कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, जय भोलेनाथ शुगर ट्रेडिंग कंपनी में घी की गुणवत्ता को लेकर पहले भी कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इन्हीं शिकायतों की पुष्टि करने के लिए चिकित्सा विभाग ने अचानक छापेमारी की योजना बनाई। निरीक्षण के दौरान कंपनी से सरस घी, रिफाइंड तेल और चाय के सैंपल लिए गए, जिनमें से प्रत्येक सैंपल अलग-अलग बैच से था। इन सैंपलों की जांच में यह पाया गया कि घी की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं थी।
घी के 16 पीपे सीज
जांच के बाद चिकित्सा विभाग ने सरस घी के 16 पीपे जब्त कर लिए। सीएमएचओ डॉ. गोस्वामी ने इस संदर्भ में बताया कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग की प्राथमिकता है और इसी उद्देश्य से यह कार्रवाई की गई। उन्होंने सभी खाद्य उत्पादकों को चेतावनी दी कि भविष्य में भी यदि गुणवत्ता में कोई कमी पाई गई, तो कठोर कदम उठाए जाएंगे।
व्यापारियों में हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। व्यापारियों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि भविष्य में भी इस प्रकार की छापेमारी जारी रह सकती है। विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभाग का यह कदम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।
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आगे की योजना
चिकित्सा विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी खाद्य उत्पादकों पर निगरानी रखी जाएगी। क्षेत्र में मिलावटखोरी की रोकथाम के लिए विभाग नियमित रूप से निरीक्षण अभियान चलाएगा। इस प्रकार की कार्रवाई से व्यापारियों को अपनी गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिल सके।