मलमास समाप्ति के बाद कांग्रेस का नया राष्ट्रीय कार्यालय 15 जनवरी को आधिकारिक रूप से खुलने जा रहा है। दिल्ली स्थित 24 अकबर रोड के ऐतिहासिक मुख्यालय के स्थान पर अब आधुनिक सुविधाओं से युक्त छः मंजिला भवन, 9 ए कोटला रोड, इंदिरा भवन कांग्रेस का नया राष्ट्रीय कार्यालय (Indira Bhawan is the new national office of Congress) शुरू होगा । कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि (Former President Sonia Gandhi is the chief guest of the inauguration ceremony) होंगी।
राजस्थान के नेताओं के लिए खास महत्व
सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा में निर्वाचित होने के कारण इस उद्घाटन का राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के लिए विशेष महत्व है। इस अवसर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य, एआईसीसी पदाधिकारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, राज्यों के नेता प्रतिपक्ष, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद सहित लगभग 400 कांग्रेस नेता शामिल होंगे।
इंदिरा भवन का निर्माण
इस नए मुख्यालय की नींव दिसंबर 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में सोनिया गांधी ने रखी थी। लगभग नौ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद इसे पूरी तरह से तैयार किया गया है। इस भवन के डिज़ाइन और निर्माण में मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। तीन बड़े आर्किटेक्ट की देखरेख में भवन का प्रत्येक कक्ष हर पहलू बारीकी से तैयार किया गया है।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त कांग्रेस मुख्यालय
नए कांग्रेस मुख्यालय में आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस कक्ष बनाए गए हैं। इसमें एक संग्रहालय भी होगा, जो कांग्रेस के ऐतिहासिक सफर से लेकर वर्तमान तक की झलक दिखाएगा। भवन में विभिन्न संगठनों के लिए अलग-अलग कक्ष हैं, जिसमें युवा कांग्रेस, सेवा दल, एनएसयूआई, और प्रदेश नेताओं के बैठने के लिए विशेष स्थान बनाया गया है। साथ ही सुरक्षा और भूमि तल पर पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है।
24 अकबर रोड की भूमिका बनी रहेगी
हालांकि, कांग्रेस 24 अकबर रोड स्थित पुराने मुख्यालय को पूरी तरह से नहीं छोड़ेगी। पार्टी आलाकमान की महत्वपूर्ण बैठकें वहां आयोजित होती रहेंगी।
बिहार दौरे से बढ़ेंगी राजनीतिक सरगर्मियां
नए मुख्यालय के उद्घाटन के बाद कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी के 18 जनवरी को पटना, बिहार दौरे के संकेत मिले हैं। हाल ही में राजद के नेता तेजस्वी यादव द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन से अलग होने की घोषणा के बाद राहुल गांधी के दौरे से बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
बिहार में कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह ने जानकारी दी कि राहुल गांधी अपने प्रवास के दौरान सदाकत आश्रम में प्रदेश पदाधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक करेंगे। वह “संविधान बचाओ” और एनडीए सरकार के विरोध में आयोजित संवाद कार्यक्रम में भी भाग लेंगे। इस दौरान उनकी मुलाकात लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से होने की संभावना है।
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विपक्षी एकता पर संकट
बिहार दौरे से पहले ही कांग्रेस को विपक्षी एकता में झटका लगा है। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के इंडिया गठबंधन से अलग होने के बाद आप ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन न देने की घोषणा की थी। ऐसे में राहुल गांधी के बिहार दौरे को राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।