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BJP नेताओं की सिफारिश से होंगे तबादले? शिक्षा विभाग में क्यों नहीं हटा बैन, जानें इनसाइड स्टोरी

Will transfers be done on the recommendation of BJP leaders? Why the ban was not lifted in the education department, know the inside story

राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने कर्मचारियों के लिए राहत भरा फैसला लेते हुए 1 से 10 जनवरी के बीच अधिकांश विभागों में स्थानांतरण (Transfers in most departments between January 1 and 10) की अनुमति दी है। हालांकि, शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग में तबादलों पर लगी रोक अब भी बरकरार है। इस फैसले से जहां कई विभागों के कर्मचारियों को राहत मिली है, वहीं शिक्षा विभाग के शिक्षक और कर्मचारी निराश (Education department teachers and employees disappointed) हैं।

शिक्षा विभाग में बैन क्यों है जारी?

सूत्रों के अनुसार, शिक्षकों के तबादलों पर बैन के पीछे सरकार के पास कई ठोस कारण हैं।

  • नई तबादला नीति का अभावः शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के लिए प्रस्तावित नई नीति अब तक तैयार नहीं हो पाई है। सरकार इसे पारदर्शी और विवादरहित बनाने पर काम कर रही है ताकि पिछले विवाद न दोहराए जाएं।
  • पिछले विवादों से सबकः पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में स्थानांतरण से जुड़े भ्रष्टाचार और पक्षपात के कई मामले सामने आए थे। सरकार इन विवादों से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है।
  • शैक्षणिक सत्र पर असरः शिक्षकों के स्थानांतरण से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो सकती है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि बच्चों की शिक्षा पर किसी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
  • ग्रेड थर्ड शिक्षकों की समस्याएंः ग्रेड थर्ड शिक्षकों के स्थानांतरण पिछले कई वर्षों से रुके हुए हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के समय भी यह प्रक्रिया ठप रही थी।

शिक्षकों में बढ़ रहा असंतोष

तबादलों पर बैन के चलते शिक्षकों में नाराजगी (Resentment among teachers due to ban on transfers) बढ़ रही है। कई शिक्षक पारिवारिक और कार्यस्थल की समस्याओं के कारण स्थानांतरण की मांग (Transfer request) कर रहे हैं। विभिन्न संगठनों ने बार-बार शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) को अपनी समस्याएं बताई हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। सरकार के हालिया फैसले ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया है।

सरकार का चुनावी वादा अधूरा

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में दावा किया था कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही तबादला नीति लागू की जाएगी। लेकिन चुनावी वादे के बावजूद अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। तबादलों पर लगी रोक के चलते शिक्षक वर्ग को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

भाजपा नेताओं की चलेगी सिफारिश

सूत्र बताते हैं कि इस बार स्थानांतरण में भाजपा के विधायकों, मंत्रियों और नेताओं की सिफारिश (Recommendation of BJP MLAs, ministers and leaders in transfer) का खासा प्रभाव रहेगा। पूर्ववर्ती सरकारों के अनुभवों को देखते हुए यह साफ है कि सत्ताधारी दल के नेताओं की सिफारिशें स्थानांतरण प्रक्रिया में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। अक्सर देखा गया है कि जैसे ही बैन हटता है, नेताओं के घरों पर कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों की भीड़ लग जाती है।

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कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा

शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्थानांतरण पर प्रतिबंध हटाने पर चर्चा की गई। विधायकों ने भी फीडबैक बैठकों में स्थानांतरण पर से रोक हटाने की मांग प्रमुखता से उठाई। इसके बाद सरकार ने 1 से 10 जनवरी के बीच दस दिनों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी है।

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