राजस्थान में इन दिनों मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में मावठ की बारिश और सर्द हवाओं (Mawath’s rain and cold winds) ने तापमान को तेजी से गिरा दिया है। ठिठुरन भरी सर्दी ने लोगों को घरों में रहने पर मजबूर कर दिया है। प्रदेश में एक के बाद एक दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं, जिसके चलते ठंड का प्रकोप (Cold Outbreak) और बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने राज्य के 14 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी (Yellow alert issued for 14 districts) किया है, जिससे यह साफ हो गया है कि आने वाले दिन राजस्थान के लोगों के लिए और भी सर्द हो सकते हैं।
मावठ के कारण तापमान में गिरावट लगातार दर्ज की जा रही है। सर्द हवाएं और हल्की बूंदाबांदी ने ठंड को और अधिक प्रभावी बना दिया है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, हनुमानगढ़, चूरू, जयपुर, अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा और नागौर में 26 दिसंबर से दूसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इन इलाकों में कोहरे के साथ हल्की बारिश की भी संभावना है, जो ठंड के स्तर को और बढ़ा सकती है।
सीकर जिले के फतेहपुर क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। वहां देर रात हुई हल्की बूंदाबांदी ने ठंड को और अधिक तीव्र बना दिया। अलवर में भी न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड का संकेत दे रहा है।
मौसम विभाग (Meteorological Department) ने संकेत दिए हैं कि 25 दिसंबर से बारिश की संभावना और प्रबल हो सकती है। बारिश के साथ ही ठंडी हवाएं प्रदेश के अधिकांश इलाकों में तापमान को और नीचे गिरा देंगी। स्थानीय लोग सर्दी से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं और गर्म कपड़े पहनकर ठंड का मुकाबला कर रहे हैं।
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इस ठंड भरे मौसम का सबसे अधिक प्रभाव जनजीवन पर पड़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बाजारों में रौनक कम हो गई है, और लोग ज्यादातर समय घरों के अंदर रहना पसंद कर रहे हैं। मौसम विभाग ने सुझाव दिया है कि आने वाले दिनों में बारिश और तेज ठंड की संभावना को देखते हुए लोग सतर्क रहें।