जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह का वक्त था। लोग अपने-अपने गंतव्यों की ओर बढ़ रहे थे। सड़क पर गाड़ियों का आना-जाना सामान्य था। लेकिन भांकरोटा के पास अचानक एक ऐसा हादसा हुआ जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। सुबह के करीब 5ः44 बजे का समय था, जब एक सीएनजी टैंकर और ट्रक की टक्कर (CNG tanker and truck collide) ने पूरे इलाके को चीखों और धुएं से भर दिया। इस हादसे में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी (So far 12 people have lost their lives in the accident) है और 45 लोग झुलस गए हैं।
सब कुछ एक पल में बदल गया। डीपीएस स्कूल के सामने एक टैंकर गैस से भरा हुआ था और अजमेर की ओर से जयपुर की ओर आ रहा था। जब यह टैंकर यू-टर्न लेने की कोशिश कर रहा था, तभी जयपुर की ओर से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि गैस का नोजल टूट गया, और 18 टन गैस हवा में फैल गई। इस गैस ने 200 मीटर के क्षेत्र को गैस के चेंबर में बदल दिया। इसके बाद जैसे ही टैंकर में धमाका हुआ, चारों ओर आग की लपटें और धुएं का गुबार छा गया।
आसपास के 37 वाहन इस आग की चपेट में आ गए। जो लोग गाड़ियों में सवार थे, उनके पास बाहर निकलने का समय ही नहीं था। आग इतनी विकराल थी कि कई लोग अपने वाहनों में ही फंसकर झुलस गए। यहां तक कि हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री और एक स्लीपर बस भी इस आग की लपटों में जलकर राख हो गई। इस हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई शवों की पहचान के लिए अब डीएनए टेस्ट करवाया जा रहा है।

एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में मृतकों के शव रखे गए हैं, जिनमें से छह की पहचान हो चुकी है, लेकिन पांच की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इन शवों का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट किया जा रहा है। हादसे में एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की भी गाड़ी जलकर राख हो गई है। हालांकि उनकी भी अभी तक पहचान या उनके बारे कोई जानकारी नहीं हो पाई है।
इस हादसे के बाद प्रदेश और देशभर से संवेदनाओं का तांता लग गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस हादसे को हृदयविदारक बताते हुए मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर एसएमएस अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने घायल मरीजों की स्थिति का जायजा लिया और डॉक्टरों से उनकी उचित देखभाल करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा भी किया और कहा कि इस हादसे की गहन जांच कराई जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जिसमें एडीएम सैकंड आशीष कुमार, आरटीओ प्रथम, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पश्चिम, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी, CMHO जयपुर द्वितीय, परियोजना निदेशक NHAI को कमेटी में किया शामिल। कमेटी जांच रिपोर्ट के साथ में देगी सुझाव।
घटना के बाद पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए, ताकि घायलों और मृतकों के परिजनों को मदद मिल सके। पुलिस से 9166347551, 8764868431, 7300363636 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि घायलों में से कई की हालत गंभीर है और मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।
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इस हादसे ने हर किसी को गहरे सदमे में डाल दिया है। हाईवे पर सन्नाटा पसरा हुआ है, और लोग इस भयावह घटना को भुलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था? जांच रिपोर्ट से ही यह पता चल पाएगा कि गलती किसकी थी और इसे कैसे टाला जा सकता था। फिलहाल, जयपुर-अजमेर हाईवे पर जिंदगी एक बार फिर से सामान्य होने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह हादसा लंबे समय तक लोगों के दिलों और दिमाग में गूंजता रहेगा।