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मित्रपुरा थाने के सामने से हो रहे अवैध बजरी परिवहन पर उठे सवाल, पुलिस की मिलीभगत का आरोप

Questions raised on illegal gravel transportation in front of Mitrapura police station, allegations of police collusion

सवाईमाधोपुर/मित्रपुरा, (राकेश चौधरी)। अवैध बजरी खनन और परिवहन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंध के बावजूद, मित्रपुरा थाने के सामने से रात के अंधेरे में बजरी से भरे दर्जनों डम्पर बेरोकटोक निकलते नजर आते हैं। इस अवैध गतिविधि से पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, और पुलिसकर्मियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

रोजाना थाने के सामने से गुजरने वाले इन डम्परों का सिलसिला यह संकेत देता है कि जिले में कानून व्यवस्था और प्रतिबंधों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह स्थिति न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि थानाधिकारी की भूमिका को भी संदिग्ध बनाती है। हाल ही में गुरुवार रात करीब 12 बजे, दर्जनों डम्पर थाने के सामने से गुजरे, जिनके साथ कुछ एस्कॉर्ट वाहन भी थे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिसकर्मी न सिर्फ इस अवैध कार्य को नजरअंदाज कर रहे हैं, बल्कि जानबूझकर इसे प्रोत्साहित भी कर रहे हैं।

लाइट बंद करके डम्परों को सुरक्षित निकालने की रणनीति

थाने के पास लगी हाई मास्क लाइट, जो मित्रपुरा ग्राम पंचायत द्वारा लगभग 10 लाख रुपये की लागत से लगाई गई है, लगभग 200 मीटर की दूरी तक रोशनी करती है। लेकिन जब भी बजरी से भरे डम्पर थाने के सामने से गुजरते हैं, तो यह लाइट बंद कर दी जाती है। इस कार्रवाई में एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी विशेष रूप से लगाई गई है, जो डम्पर के आने पर लाइट बंद करता है और उनके गुजरने के बाद दोबारा चालू कर देता है। यह घटनाक्रम पुलिस और अवैध बजरी कारोबारियों के बीच मिलीभगत को और पुष्ट करता है।

लापरवाही पर कार्रवाई नहीं, पुलिस की संलिप्तता पर शक

इस पूरे मामले में मित्रपुरा थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है। कुछ महीनों पहले भी इसी तरह का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें थाने के पास से अवैध बजरी से भरे डम्पर गुजरते दिख रहे थे, लेकिन उस समय भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद भी, लगातार इस अवैध कार्य में थानाधिकारी और अन्य पुलिसकर्मियों की लापरवाही देखने को मिल रही है।

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पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता द्वारा जिले में अवैध खनन और बजरी परिवहन पर सख्ती बरतने का दावा करती रही है, लेकिन मित्रपुरा थाना क्षेत्र में इस प्रतिबंध का कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। अवैध बजरी के इस खेल में पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल खडे हो रहे है।

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