सवाई माधोपुर, (राकेश चौधरी)। जिले के मित्रपुरा थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक अनियंत्रित कार पलटने की घटना (Uncontrolled car overturning incident) ने सनसनी फैला दी। दतुली गांव के पास तालाब के समीप यह हादसा हुआ। सुबह करीब 6 बजे एक तेज रफ्तार कार (fast car) मित्रपुरा की ओर से आ रही थी, जिसका पुलिस पीछा कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही कार दतुली गांव से आगे बढ़ी, सामने से आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉली और पीछे से पुलिस के दबाव में चालक ने वाहन को घुमाया, जिससे कार अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन गनीमत रही कि उसमें सवार चार युवक गंभीर चोटों से बच गए।
घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने हादसे के वीडियो और तस्वीरें बनाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि मौके पर मौजूद एएसआई मोतीसिंह ने पत्रकारों और स्थानीय लोगों को धमकाया और वीडियो नहीं बनाने के लिए कहा।
जयपुर से आ रही थी कार
मित्रपुरा थाने के सामने से गुजरने वाली तेज रफ्तार वेन्यू कार पर पुलिस की नजर पड़ी। थाने के हेड कांस्टेबल फकरुद्दीन खान के अनुसार, यह कार जयपुर से मित्रपुरा की ओर लहराती हुई आ रही थी। बोरदा गांव से इसकी सूचना मिली थी। पुलिस ने इसे रोकने के लिए थाने के पास बैरिकेड्स लगाए, लेकिन चालक ने बैरिकेड्स तोड़कर गाड़ी भगा ली (The driver broke the barricades and drove away)। पुलिस ने तुरंत पीछा किया, और दतुली तालाब के पास यह कार पलट गई।
शराब के नशे में थे युवक
हादसे के बाद पुलिस ने कार में फंसे चार युवकों को बाहर निकाला। इनमें महेंद्र (22) निवासी चारनवास थाना रामगढ़ पचवारा, मीठालाल (26) निवासी काचरिया थाना सदर निवाई जिला टोंक, प्रकाश मीना (24) निवासी झापदा, और अशोक (24) निवासी नोरंगपुरा थाना रामगढ़ पचवारा दौसा शामिल थे। पुलिस का कहना है कि सभी युवक शराब के नशे में थे। इन्हें शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार (Arrested for breach of peace) किया गया।
पुलिस की कार्यवाही पर सवाल
घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि पुलिस ने वीडियो बनाने से मना करके पारदर्शिता पर संदेह पैदा किया। वहीं, पुलिस ने मामले को नियंत्रित करने और नशे में गाड़ी चला रहे युवकों को रोकने के अपने कर्तव्य का हवाला दिया।
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इस घटना ने न केवल यातायात नियमों की अनदेखी का मामला उजागर किया है, बल्कि पुलिस की कार्यवाही पर भी सवाल खड़े किए हैं। शराब के नशे में वाहन चलाना और तेज रफ्तार से सड़क पर खतरा पैदा करना गंभीर अपराध है। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायतें इस घटना के अन्य पहलुओं को भी सामने लाती हैं।