टोंक, (चेतन वर्मा)। जिलें के मालपुरा में 5 साल बाद सोमवार को कांवड यात्रा निकाली जाएगी। 400 कांवड़ियों की सुरक्षा में 4 RAC, एक STF कंपनी समेत 1000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। एसपी, एएसपी, डीएसपी समेत कई थानों के इंस्पेक्टर मौजूद रहेंगे। एसडीएम ने यात्रा को देखते हुए 7 शर्तें लगाई है। शर्तों में डीजे बजाने, स्वागत करने पर रोक लगाई गई है।
कांवड़ यात्रा रविवार को बीसलपुर बांध से शुरू हो गई। सोमवार को कांवड़ यात्रा मालपुरा पहुंचेगी और केदारनाथ महादेव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। टोंक एसपी संजीव नैन ने बताया कि कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को शांतिपूर्ण निकालने के लिए पुलिस मुस्तैद है।
7 शर्तों पर दी अनुमति
मालपुरा के कार्यवाहक SDM कपिल शर्मा ने यहां 7 शर्तों पर कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति दी है। इसमें कांवड़ यात्रा का किसी मंच या सामूहिक रूप से स्वागत करने और अन्य लोगों के शामिल होने पर रोक लगाई है। साथ ही प्रशासन ने हर कांवड़ियों का नाम, पता और मोबाइल नंबर मांगा है। कांवड़ियां साथ में अपना पहचान पत्र लेकर चलेगा। कांवड़ यात्रा में रजिस्टर्ड कांवड़ियों के अलावा अन्य व्यक्ति नहीं चलेगा।
इन शर्तों पर दी परमिशन
- व्यवस्था बनाई रखने की समस्त जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।
- कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की असामाजिक तत्वों की गतिविधियां न हो। इसकी समस्त जिम्मेदारी आयोजक की होगी।
- कांवड़ यात्रा के दौरान लाउड स्पीकर और डीजे का प्रयोग नहीं करें।
- कांवड़ यात्रा में भड़काऊ भाषण और नारेबाजी नहीं की जाए।
- कांवड़ यात्रा के दौरान कोई भी संगठन या मंच की ओर से सामूहिक रूप से एकत्र होकर कोई स्वागत या सम्मान नहीं करें और न ही कांवड़ यात्रियों के पीछे इनके अलावा अन्य लोग चलेंगे।
- निर्धारित रुट के अलावा अन्य रुट से कांवड़ यात्रा नहीं निकालें।
- आयोजक सभी कांवड़ यात्रियों का पंजीयन अपने स्तर पर कर सूची तैयार कर पुलिस प्रशासन को दें।
2018 के कांवड़ यात्रा पर हुआ था पथराव
कांवड़ यात्रा में सबसे ज्यादा तनाव के हालात मालपुरा में कस्बें में प्रवेश से करीब पौने 1 किलोमीटर एरिया में रहता है। इन रास्ते के दोनों और अन्य पक्ष के लोग रहते हैं। 2018 में भी यहां कांवड़ यात्रा में पथराव कर दिया था। इससे काफी तनाव हो गया था। मालपुरा में करीब सवा 2 से ढाई किलोमीटर दूर तक कांवड़ यात्रा गुजरती है।
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2019 में निकली थी, फिर नए रूट से नहीं निकली
मालपुरा में इससे पहले 2019 में कांवड़ यात्रा निकाली गई थी। एसपी संजीव नैन ने बताया कि 2018 में कांवड़ यात्रा पर पथराव हो गया था। उसके बाद 2019 में निकली थी। उसके बाद रुट को लेकर प्रशासन और कांवड़ियों में सहमति नहीं होने से कांवड़ यात्रा नहीं निकली। अब प्रशासन ने विभिन्न शर्तों पर पुराने मार्ग से कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति दी है।