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समरावता हिंसा के 39 आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली जमानत, नरेश मीणा को अभी जेल में ही रहना होगा

39 accused of Samravata violence got bail from High Court, Naresh Meena will have to remain in jail for now.

टोंक,(शिवराज बारवाल मीना)। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) से समरावता हिंसा के आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने समरावता हिंसा के 39 आरोपियों को जमानत (Bail granted to 39 accused of Samravata violence) दे दी है, जिसके बाद ये आरोपी जेल से बाहर आ जाएंगे। हालांकि, इस मामले में कांग्रेस के बागी नेता और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को अभी जेल में ही रहना होगा। यह घटना राजस्थान के टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव (By-elections of Devli-Uniara assembly constituency) के दौरान हुई थी, जब समरावता गांव में मतदान के दौरान जबरन मतदान के आरोप में नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार (Naresh Meena slapped SDM Amit Chaudhary) दिया था।

समरावता हिंसा में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या

समरावता हिंसा के बाद पुलिस ने नरेश मीणा सहित 62 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस घटना के बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच भारी झड़प हुई थी, जिसमें पथराव और वाहनों में आगजनी की घटनाएं (Incidents of stone pelting and burning of vehicles) हुई थीं। घटना के बाद पुलिस ने हिंसा और आगजनी के मामलों में सख्ती दिखाई और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन गिरफ्तार आरोपियों में से 39 की जमानत अर्जी शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट में स्वीकार कर ली गई।

हाईकोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई

समरावता हिंसा मामले में 39 आरोपियों को जमानत मिलने के बाद उनके वकील ने अदालत में यह दलील दी थी कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और प्रकरण लंबा चलेगा, इसलिए आरोपियों को जमानत दी जाए। इस पर न्यायाधीश प्रवीण भटनागर की बेंच ने इन 39 आरोपियों की जमानत याचिका स्वीकार की। आरोपियों के वकीलों का कहना था कि किसी एक व्यक्ति विशेष पर आरोप नहीं होने के कारण यह जमानत दी जानी चाहिए। अदालत ने इस दलील को मानते हुए सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

इन्हें मिली जमानत, कल होगें रिहा

ब्रह्मराज पुत्र श्योजीराम, सुरेश पुत्र रामकिशन, लवकुश पुत्र भजनलाल, विमल पुत्र भजनलाल, टीकाराम पुत्र गंगाधर, बलराम पुत्र शंकर, अग्रसेन पुत्र किशनगोपाल, जसराम पुत्र भागचन्द, हेतराम पुत्र कमलेश, उदय सिंह पुत्र हुकुम चन्द, कालूराम पुत्र बंशीलाल, गुल मोहम्मद उर्फ गल्लू खान पुत्र शकील खान, मनोज कुमार पुत्र हंसराज, सुदामा पुत्र मोदूलाल, दौलतराम मीणा पुत्र बाबूराम, खुशीराम पुत्र बनवारीलाल, रामेश्वर पुत्र बंशीलाल, आत्माराम पुत्र धन्नालाल, रामराज पुत्र हनुमान, योगेन्द्र पुत्र हेमराज, नेतराम पुत्र मनफूल, विजेन्द्र पुत्र सुरज्ञान, हनुमान पुत्र देवकरन, दिलखुश पुत्र रामजीलाल, मनीष मीणा पुत्र राकेश, कमलेश पुत्र रामकुंवर, राकेश पुत्र भजनलाल, खुशीराम पुत्र बाबूलाल, देशराज पुत्र रामलाल, भागीरथ पुत्र रमेशचन्द, आत्माराम पुत्र नरसियालाल, बबलेश कुमार पुत्र गोपीचन्द, महावीर पुत्र हीरालाल, आत्माराम पुत्र भागचन्द, रवि पुत्र जादूराई, खेलताराम पुत्र हीरालाल, राजेश पुत्र धनपाल, बुद्धिराम पुत्र बाबूलाल, अन्तराम पुत्र जगन्नाथ को जमानत मिली है और वे कल जेल से बाहर निकलेंगे।

13 नवंबर को समरावता में हुई हिंसा और आगजनी

13 नवंबर को समरावता गांव में देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान मतदान हुआ था। इस दौरान गांव के कुछ ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया और तीन वोट डाले जाने के बाद नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे तनाव बढ़ गया और बाद में नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन होने लगे।

थप्पड़ मारने की घटना के बाद का बवाल

नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन और धरने शुरू हो गए। मतदान बहिष्कार करने वाले ग्रामीणों ने नरेश मीणा के साथ धरना देना शुरू किया। हालांकि, मतदान के बाद उन्होंने मतदान स्थल से दूर जाकर धरना दिया, लेकिन बाद में स्थिति और बिगड़ गई। ग्रामीणों ने मतदान के बाद नरेश मीणा के साथ धरने पर बैठने का निर्णय लिया। इसके बाद रात को समरावता में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसमें कई वाहनों को जलाया गया।

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पुलिस बल की तैनाती और गिरफ्तारी

विरोध और हिंसा को काबू करने के लिए पुलिस को भारी बल तैनात करना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। फिलहाल, नरेश मीणा जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ मामले की सुनवाई जारी है।

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