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भजनलाल सरकार के राजस्थान में 169 स्कूल बंद, 21 स्कूलों का किया एकीकरण

169 schools closed in Rajasthan under Bhajan Lal government, integration of 21 schools

राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया गया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने राज्य के विभिन्न जिलों में शून्य नामांकन वाले 169 स्कूलों को बंद (169 schools with zero enrollment closed) करने और उन्हें आसपास के स्कूलों में समाहित करने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा, एक ही परिसर में संचालित 21 स्कूलों को मर्ज किया (Merged 21 schools) गया है। इनमें से 6 उच्च प्राथमिक विद्यालय और 163 प्राथमिक विद्यालय हैं। इस आदेश के पीछे संयुक्त शासन सचिव (आयोजना विभाग) के 2 जनवरी 2025 के निर्देशों का पालन किया गया है।

शिक्षकों की नियुक्ति और पुनर्संरचना

स्कूलों के बंद होने और एकीकरण के बाद शिक्षकों के पदों का पुनर्निधारण किया जाएगा। नए स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार, जिन स्कूलों में छात्र संख्या अधिक होगी, वहां शिक्षकों की तैनाती प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। अतिरिक्त शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां नामांकन अधिक है और शिक्षक कम हैं। तब तक कार्य व्यवस्था के तहत पीईईओ (प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी) क्षेत्र के अन्य स्कूलों में अस्थायी रूप से इन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

स्कूल परिसंपत्तियों का हस्तांतरण

बंद किए गए स्कूलों की सभी स्थायी और अस्थायी परिसंपत्तियां जैसे भूमि, भवन, फर्नीचर, खेल सामग्री, शैक्षिक उपकरण आदि को स्वचालित रूप से समाहित किए गए विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके लिए अलग से कोई विशेष प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता नहीं होगी। संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रक्रिया की सुचारु निगरानी करें और हस्तांतरण कार्य सुनिश्चित करें।

किन जिलों में बंद हुए हैं स्कूल

शून्य नामांकन के कारण बंद किए गए 169 स्कूलों में सबसे अधिक संख्या जयपुर के स्कूलों की है, जहां कुल 18 स्कूल बंद किए गए हैं। इसके अलावा जोधपुर में 17, करौली में 10, कोटपुतली-बहरोड़ में 7, नागौर में 7 और दौसा में 6 स्कूलों को बंद किया गया है। अन्य जिलों में भी कई स्कूलों को समाहित किया गया है। बीकानेर में 4, अजमेर में 1, अलवर में 4, बालोतरा में 6, बांसवाड़ा में 3, बारां में 1, बाड़मेर में 5, ब्यावर में 2, भरतपुर में 2, बूंदी में 3, चित्तौड़गढ़ में 2, चूरू में 4, डीडवाना-कुचामन में 11, डूंगरपुर में 3, श्रीगंगानगर में 4, हनुमानगढ़ में 2, जैसलमेर में 3, जालोर में 5, झालावाड़ में 5, झुंझुनू में 1, पाली में 5, फलोदी में 3, प्रतापगढ़ में 2, राजसमंद में 2, सवाई माधोपुर में 4, सीकर में 5, सिरोही में 2, टोंक में 2 और उदयपुर में 5 स्कूल शामिल हैं।

एक ही परिसर में संचालित स्कूलों का एकीकरण

21 स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय भी लिया गया है, जो एक ही परिसर में संचालित हो रहे थे। इनमें अजमेर के 2, बालोतरा के 1, भीलवाड़ा के 4, बीकानेर के 1, चूरू के 2, गंगानगर के 1, ब्यावर के 1, जयपुर के 2, जालोर के 1, जोधपुर के 3 और तिजारा, कोटा एवं राजसमंद के एक-एक स्कूल शामिल हैं।

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शिक्षा क्षेत्र में सुधार के प्रयास

राजस्थान सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिन स्कूलों में नामांकन शून्य हो गया था, उन्हें बंद करके बेहतर नामांकन वाले स्कूलों के साथ जोड़ा जा रहा है, ताकि सीमित संसाधनों का अधिकतम लाभ उठाया जा सके। इससे जहां एक ओर छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की तैनाती भी प्रभावी ढंग से हो सकेगी।

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