कोटा। शहर के गुमानपुरा थाने में तैनात हैड कांस्टेबल बलवीर सिंह (Head Constable Balveer Singh) को एक सनसनीखेज घटना के बाद मंगलवार को पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया (Dismissed from police department) गया। बलवीर सिंह ने 4 जनवरी 2025 को अपने ही साथी हैड कांस्टेबल सुंदर सिंह पर लोहे की हथौड़ी से जानलेवा हमला किया था (Had fatally attacked his own colleague Head Constable Sundar Singh with an iron hammer)। इस घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया, और विभागीय अनुशासन को बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई।
शराब के नशे में किया था जानलेवा हमला
घटना के दिन बलवीर सिंह ने शराब के नशे में गुमानपुरा थाने में ड्यूटी के दौरान सुंदर सिंह से किसी बात को लेकर विवाद किया। विवाद इतना बढ़ गया कि बलवीर सिंह ने लोहे की हथौड़ी से सुंदर सिंह के सिर पर जानलेवा वार कर दिया, जिससे सुंदर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल सुंदर सिंह को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी रही।
आपराधिक मामला दर्ज, बलवीर सिंह की गिरफ्तारी
गुमानपुरा थाने में इस घटना के बाद अभियोग संख्या 05/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 121(1), 132, और 109(1) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बलवीर सिंह को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए कोटा सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन ने बलवीर सिंह को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया।
अनुशासनहीनता के कारण बर्खास्तगी
पुलिस विभाग को एक अनुशासित संस्था माना जाता है, जहां अनुशासन ही कार्मिकों के बीच आपसी समन्वय और कार्य कुशलता का आधार होता है। हैड कांस्टेबल बलवीर सिंह द्वारा अपने सहकर्मी पर हमला करना न केवल अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा थी, बल्कि यह पुलिस की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला कृत्य था।
राजस्थान असैनिक सेवाएं नियम के तहत कार्रवाई
पुलिस विभाग ने इस घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए राजस्थान असैनिक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1958 के नियम 19(2) के तहत कार्रवाई की। इन नियमों के अंतर्गत पुलिस विभाग को ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के कार्मिकों के खिलाफ त्वरित कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है। इसी के तहत बलवीर सिंह को राज्य सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
पुलिस विभाग की गरिमा बनाए रखने का प्रयास
कोटा सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन (Kota City SP Dr. Amrita Duhan) ने बयान दिया कि पुलिस विभाग की गरिमा बनाए रखना और अनुशासन को सर्वाेच्च प्राथमिकता देना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बलवीर सिंह के कृत्य ने पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, जिसे सहन नहीं किया जा सकता। ऐसे में विभाग ने यह कड़ा कदम उठाया ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
विभाग में अनुशासन का संदेश
इस घटना के बाद बलवीर सिंह की बर्खास्तगी से पुलिस विभाग ने यह साफ संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता के लिए विभाग में कोई जगह नहीं है। पुलिस विभाग का मुख्य आधार आपसी सहयोग, अनुशासन और जिम्मेदारी होता है। बलवीर सिंह की बर्खास्तगी से यह सुनिश्चित किया गया कि अनुशासनहीन कार्मिकों को विभाग में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पीड़ित सुंदर सिंह की स्थिति
इस हमले में घायल हुए सुंदर सिंह का इलाज एक स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, सुंदर सिंह की हालत अब स्थिर है, लेकिन उन्हें पूरी तरह स्वस्थ होने में अभी समय लगेगा। पुलिस विभाग ने सुंदर सिंह के इलाज के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है।
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भविष्य में कठोर अनुशासन की उम्मीद
यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि अनुशासनहीनता को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए आगे भी सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे, ताकि विभाग की गरिमा और जनता का विश्वास बनाए रखा जा सके।