टोंक। शहर में भी वृंदावन, बरसाना की कोड़ामार होली की तरह कोड़ामार होली (Kodamar Holi) मनाई गई। कोड़ा मारने वाली महिलाओं के अलावा वहां उपस्थित हजारों लोगों ने भी इसका आनंद लिया। महिलाओं को उत्साहित करने के लिए छतों पर बच्चे हूटिंग करते देखे गए।
गुर्जर समाज के लोगों ने शुक्रवार को दोपहर एक बजे तक हीरा चौक में कोड़ा मार होली खेली। पुरुषों के एक दल ने कड़ाह में रंग भरा। महिलाएं कोड़े लेकर उसके चारों ओर खड़ी हो गई। फिर गुर्जर समाज के लोग, खासकर युवा, इसमें से बाल्टी भरकर रंग लेकर भाग रहे थे, जबकि महिलाओं ने उनके जमकर कोड़े मारे।
ज्ञात रहे कि गुर्जर समाज के युवा कड़ाह में भरे रंग को बाल्टी या अन्य बर्तनों में भरकर भागते हैं। महिलाएं फिर कोड़े मारती हैं। गुर्जर समाज कई दशकों से लोगों को कोड़े मारने की परंपरा निभा रहा है। कोड़ा मार होली का रोमांच देखने के लिए हीरा चौक क्षेत्र से भी लोग, खासकर गुर्जर समाज के लोग, शहर भर से आते हैं। कोड़ा मार होली देखने के लिए हजारों लोग आते हैं। हीरा चौक की छतों पर बैठकर लोग इसे देखते हैं। यह खेल आज भी लगभग एक घंटे तक खेला गया।
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गुर्जर समाज से रामप्रकाश बिधुड़ी ने बताया कि होली पर टोंक की बसावट से ही कोड़ा मार खेली जाती है। इसमें आठ महिलाएं रंगे हुए पानी से भरे कड़ाह के चारों ओर खड़ी हो जाती हैं। महिलाएं फिर युवकों पर कोड़े बरसाती हैं जब वे इस कड़ाव से एक बाल्टी लेने आते हैं।