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वसुंधरा के समर्थक बीजेपी के लिए बने सिर दर्द, कुछ हटे तो कुछ अब भी चुनाव मैदान में डटे

Vasundhara's supporters became a headache for BJP, some moved away and some still stood in the election field.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों में बागी समीकरण बिगाड़ रहे हैं। प्रदेश की पांच दर्जन सीटों पर बागियों ने पार्टी के हालात खराब कर दिए हैं। भाजपा के 32 बागी नेता व कांग्रेस के 22 बागी नेता अभी तक चुनाव मैदान में डटे (32 rebel leaders of BJP and 22 rebel leaders of Congress are still in the election field) हुए हैं। दोनो दलों के तमाम प्रयासों के बाद भी नेता समझने को तैयार नहीं है, तो भाजपा को सबसे ज्यादा परेशानी वसुंधरा समर्थकों से हो रही है।

वसुंधरा समर्थकों की बात करें तो कैलाश मेघवाल (Kailash Meghwal) कई बार मंत्री और सांसद रह चुके हैं, इस बार केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से हुए विवाद के बाद बीजेपी से उनको निष्कासित कर दिया गया। इसके चलते उनका टिकट भी कट गया। कैलाश मेघवाल अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, मेघवाल वसुंधरा राजे के समर्थक नेता हैं।

इसी तरह से भवानी सिंह राजावत कोटा (Bhavani Singh Rajawat Kota) की लाडपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया, राजावत भी वसुंधरा के करीबी नेताओं में शामिल हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज यूनुस खान भी अब डिडवाना से निर्दलीय (Yunus Khan also now independent from Didwana) चुनाव लड़ रहे हैं, यूनुस खान वसुंधरा के करीबी और विश्वसनीय नेताओं में शुमार हैं।

डीडवाना से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। ऐसे में यूनुस खान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने उनको मनाने का काफी प्रयास किया। लेकिन उसके बाद भी बात नहीं बन पाई। अनीता सिंह नगर विधानसभा क्षेत्र से वसुंधरा की करीबी रही हैं, इस बार पार्टी ने उनका टिकट नहीं दिया। उन्होंने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि बाद में पार्टी ने उनको मना लिया।

वसुंधरा के करीबी राजपाल सिंह शेखावत जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, पार्टी ने इस बार राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काट दिया। इससे नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फोन पर उन्होंने नामांकन वापस लिया और पार्टी के साथ रहने की बात कही। लेकिन टिकट कटने के बाद भारी बवाल रहा व जुबानी जंग चलती रही।

चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या (MLA Chandrabhan Singh Akya) का टिकट काटकर नरपत सिंह राजवी को प्रत्याशी बनाया हैं, ऐसे में चंद्रभान सिंह बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सांचौर से बीजेपी ने लोकसभा सांसद देवजी पटेल को प्रत्याशी बनाया है, पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी और दाताराम चौधरी ने पटेल का भारी विरोध किया। जीवाराम चौधरी ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया। शिव सीट से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों से बागी चुनाव मैदान में उतर गए हैं।

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कांग्रेस ने मौजूदा विधायक अमीन खान (Congress sitting MLA Amin Khan) को टिकट दिया तो फतेह खान बागी हो गए। बीजेपी ने स्वरूप सिंह को प्रत्याशी घोषित किया तो रविंद्र सिंह भाटी बागी हो गए। बसेड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस से बागी हुए खिलाड़ीलाल बैरवा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर जोहरी लाल मीणा बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

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