थिरुवनंतपुरम के फोर्ट इलाके में स्थित SBI ATM में दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 2.52 लाख रुपये की चोरी का मामला सामने आया है। इन आरोपियों ने कैश डिलीवरी सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर यह धोखाधड़ी की। फोर्ट पुलिस ने IPC की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे चुराए गए पैसे: SBI ATM मशीन को कैसे किया गया ट्रिक
यह धोखाधड़ी जून 2022 से जुलाई 2023 के बीच हुई। आरोपियों ने चोरी या गुम हुए एटीएम कार्ड्स का उपयोग करके SBI के पद्मविलासम रोड पर स्थित ATM से पैसे निकाले।
आरोपियों ने एक चतुर तकनीक का सहारा लिया:
- पैसा निकालने के बाद वे कैश डिलीवरी कम्पार्टमेंट में एक नोट छोड़ देते थे।
- इससे मशीन में Timeout Error आ जाता था और ट्रांजेक्शन अधूरा माना जाता था।
- इस प्रक्रिया में बैंक खाते से पैसा कटता नहीं था, लेकिन मशीन से कैश निकल जाता था।
इस तकनीक के कारण न तो किसी ग्राहक के खाते से पैसा कटता था और न ही ATM धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज होती थी। हालांकि, ATM में जमा कैश और निकाले गए कैश में अंतर पाया गया।
ATM स्कैम का खुलासा कैसे हुआ?
यह घोटाला तब सामने आया जब ATM मशीन में जमा कुल कैश और निकाली गई राशि के बीच असमानता पाई गई।
- बैंक की एक कमेटी ने पहले इस असमानता की जांच की लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी।
- सबूत न मिलने के कारण कमेटी ने बैंक कर्मचारियों पर भी शक किया।
हालांकि, मामले में सफलता तब मिली जब जांच टीम ने CCTV फुटेज की समीक्षा की।
- फुटेज में आरोपियों की गतिविधियां और उनके द्वारा चोरी या गुम हुए कार्ड्स का उपयोग देखा गया।
- फुटेज से पता चला कि आरोपी बार-बार एक ही ATM में आ रहे थे और अलग-अलग चोरी किए गए कार्ड्स का इस्तेमाल कर रहे थे।
इसके बाद, SBI अधिकारियों ने फोर्ट पुलिस को घटना की सूचना दी और CCTV में कैद तस्वीरें सौंपी।
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क्या कदम उठाए गए?
- पुलिस ने IPC की धारा 406 और 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- SBI अधिकारियों ने मशीन में हुई इस गड़बड़ी के पीछे की तकनीकी समस्या को हल करने के लिए कदम उठाए।