बूंदी। सिंचाई विभाग टेल क्षेत्र के किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण जल वितरण की व्यवस्था बिगड़ रही है। जिससे किसान आक्रोशित हो रहे हैं। किसानों ने नाराजगी जताते हुए सिंचाई विभाग के डिविजन कमिश्नर को ज्ञापन देने की बात कही है। वहीं, जल वितरण समितियों व संगमो द्वारा जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर टेल क्षेत्र में नहरी पानी देने की मांग (Demand for providing canal water in tail area) की है।
रायथल निवासी जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि कृष्ण गोपाल मीणा ने कहा कि सिंचाई विभाग टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को नहरी जल वितरण बंद किया गया था। जिसके चलते दौलाड़ा और अजेता डिस्ट्रीब्यूटर (Daulada and Ajeta Distributors) में पानी नहीं पहुंच रहा है। जिससे किसान चिंतित हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों की ठीक से मॉनिटरिंग नहीं होने के चलते टेल क्षेत्र ही नहीं ऊपरी क्षेत्र में भी पानी नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि नेहरों की सफाई भी नहीं की गई है। किसान अधिकारियों द्वारा कागजों में मस्ट्रोल भरने की खाना पूर्ति करने की बात कह रहे हैं। किसानों का कहना है कि ना तो पानी पूरे गेज से छोड़ा जा रहा है ना नेहरों की सफाई की गई है।
नहरी पानी से वंचित किसानों को फसल खराब होने का सताने डर
दौलाड़ा जल वितरण समिति के अध्यक्ष मोहनलाल गुर्जर ने बताया कि दौलाड़ा डिस्ट्रीब्यूटर के माइनर इटोड़ा, मोतीपुरा, बांड्या, संगावदा, जावटी आदी गांवों के किसान नहरी पानी से वंचित (Farmers deprived of canal water) है। फसलें खराब होने का डर किसानों को सताने लगा है। दौलाड़ा डिस्ट्रीब्यूटर क्षेत्र के किसान रंगलाल गुर्जर, रामविलास गुर्जर, राधेश्याम सुमन, शंकर लाल सुमन, रामराज नागर, संजय, बृजमोहन सेन आदि ने सिंचाई विभाग से टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाने की मांग की है।
जिला कलक्टर को दिया ज्ञापन
जल वितरण समिति खटकड़ ने भी जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बूंदी ब्रांच नहर के अंतिम छोर के गांवों में नहरी पानी पहुंचाने (To supply canal water to the villages at the end of Bundi Branch Canal) के लिए चैन संख्या 1865 अखेड़ पुलिया पर 65 प्लस गेज लेवल मेंटेन करवाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा कि ग्राम पंचायत अजेता, रायथल, रिहाणा, ख्यावदा क्षेत्र के किसानों को गेहूं की फसल के लिए पानी की आवश्यकता है, नहरी पानी किसानों को समानता से मिले इसके लिए रोटेशन प्रणाली अनुसार टेल एरिया में चैन संख्या 1865 पर 65 से 70 गेज लेवल पर 15 से 18 दिन पानी चलाया जाता है, तब संपूर्ण एरिया सिंचित हो पता है। किंतु इस बार 50 से 55 गेज लेवल अपनी मात्र 5- 6 दिन चलाकर वापस हेड के मायनरो को खोल दिया, जिनमें लगातार पानी चल रहा था, परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र के अजेता, जखाणा, छावनी, बिचडी, हनोतिया, ख्यावदा, छापरदा, इत्यादि गांव की सैकड़ो बिघा गेहूं की फसल पानी के अभाव में नष्ट होने के कगार पर है।
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ज्ञापन में जिला कलक्टर से कहा कि किसान के द्वारा महंगे खाद बीज लगाकर बोई गई फसल को बचाने के लिए तत्काल सीएडी अधिकारियों को निर्देश करते हुए तत्काल वंचित एरिया में नेहरी पानी पहुंचाया जाएं। इस दौरान सत्यनारायण मीणा अध्यक्ष जल उपभोक्ता संगम छावनी, झरबालापुरा पुर्व सरपंच रामेश्वर, लोकेश कुमार माली, चेतराम जल प्रबंधन समिति ख्याड़ी, शंभू लाल मीणा अध्यक्ष जल उपभोक्ता संगम अजेता आदि शामिल रहे।