राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा की धौलपुर में हुई एक जनसभा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Video of CM Bhajanlal Sharma’s public meeting in Dholpur goes viral on social media) हो रहा है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो शेयर किया है। दरअसल, यह वीडियो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की धौलपुर में रविवार को हुई एक सभा का बताया जा रहा है। इसमें सीएम के संबोधन के दौरान कुछ लोग पांडाल छोड़कर जाने लगते हैं तो मंच से उन्हें महादेव की कसम दिलाकर और हिंदू होने की दुहाई देकर वापस आने को कहा जाता है।
हालांकि, इस दौरान सीएम मंच संभालने वाले नेता से रुकने का इशारा भी करते दिखे हैं। सीएम भजनलाल शर्मा धौलपुर जिले के सैपऊ उपखंड में बीजेपी प्रत्याशी इंदु देवी जाटव के समर्थन में चुनावी सभा को सम्बोधित करने पहुंचे थे।
सैंपऊ कस्बे के ऐतिहासिक महादेव मंदिर के पास आयोजित सभा में सीएम भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। सभा से लोगों के जाने पर बीएसपी विधायक ने लोगों को हिदायत दी। हालांकि, सिटी न्यूज राजस्थान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। सीएम भजन लाल शर्मा की आयोजित सभा में लोगों की भीड़ शुरू से ही कम देखने को नहीं मिली।
सभा के पंडाल के अंदर पीछे और मंच के दोनों तरफ काफी कुर्सियां खाली रही थी। जैसे ही सीएम भजन लाल शर्मा ने भाषण शुरू किया तो कुछ देर बाद लोग उठ कर जाने लगे। इसी दौरान बसपा विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने सीएम के भाषण को बीच में रोक कर लोगों की भीड़ को रोकने के लिए भगवान महादेव की सौगंध दी कि आप हिन्दू हो तो बैठ जाए, लेकिन इसके बावजूद लोगो भीड़ धीरे-धीरे सभा से निकल गई।
डोटासरा ने शेयर किया वीडियो
डोटासरा ने इस वीडियो के साथ पोस्ट में लिखा, भाजपा से जनता का भरोसा उठ गया। सिर्फ चार महीने में राजस्थान में पर्ची सरकार का यह हाल है। सभा में पांच आदमी लाने और बैठाने के लिए महादेव की सौगंध और हिंदू होने की कसमें दिलाई जा रही है। इनके मंत्री…आग लगा रहे हैं। लगता है पर्ची सरकार की पर्ची, फिर बदलने वाली है।
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बतादें इस बार लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया प्लॅटफॉर्म भी जंग का मैदान बन रहे हैं। अपनी बात और उपलब्धियां जनता तक पहुंचाने के लिए दोनों प्रमुख पार्टियां सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रही है। इसके साथ ही विरोधी पार्टियों के नेताओं पर निशाना साधने के लिए भी सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। इसके साथ ही विरोधी पार्टी के नेताओं के विवादित बयानों को वायरल करने के लिए भी नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।