नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को एक बार फिर बड़ा झटका लगा। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों बेंचमार्क सूचकांकों में 2ः से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। दिन की शुरुआत ही 1ः की गिरावट के साथ हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे ट्रेडिंग आगे बढ़ी, गिरावट का दबाव और बढ़ गया।
सेंसेक्स 1,769 अंक या 2.09ः की गिरावट के साथ 82,497 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 547 अंक या 2.12ः की गिरावट के साथ 25,250 पर आकर ठहरा। इस गिरावट की बड़ी वजह वैश्विक राजनीति में तनाव, विशेषकर इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, और चीन की आर्थिक स्थिति से जुड़ी अनिश्चितताएँ मानी जा रही हैं।
गिरावट के कारण
इजराइल-ईरान तनाव- इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव ने वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता पैदा की है, जिससे बाजार में नकारात्मक असर पड़ा है।
कच्चे तेल की कीमतें- कच्चे तेल के दामों में उछाल ने बाजार की धारणा को और खराब किया है। कच्चे तेल के महंगे होने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता है, जो निवेशकों की चिंता का कारण बना।
चीन का प्रभाव- चीनी शेयर बाजार में तेजी की भविष्यवाणियों ने भी भारतीय निवेशकों में बेचौनी पैदा कर दी है, जिससे यहाँ के बाजार में गिरावट देखने को मिली।
एफएंडओ नियमों में सख्ती- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) से जुड़े नियमों में सख्ती ने भी शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
टूडे के टॉप गेनर्स और लूजर्स-
गुरुवार के दिन निफ्टी 50 की 48 कंपनियों में गिरावट देखी गई। केवल JSW Steel और ONGC ही हरे निशान में बंद हुए। JSW Steel 1.15ः की बढ़त के साथ 1,039 रुपये पर बंद हुआ, जबकि अन्य प्रमुख कंपनियाँ भारी नुकसान के साथ बंद हुईं। BSE 30 में भी JSW Steel ही एकमात्र बढ़त वाली कंपनी रही।
सबसे अधिक नुकसान L&T को हुआ, जिसके शेयर 4.27ः की गिरावट के साथ 3,498 रुपये पर बंद हुए। इसके अलावा, Axis Bank में 4.16ः, टाटा मोटर्स में 4.10ः, और रिलायंस इंडस्ट्रीज में 3.95ः की गिरावट दर्ज की गई।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट-
आज के ट्रेडिंग सेशन में सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद (Sectoral index closed in red mark) हुए। निफ्टी में सबसे अधिक गिरावट 4.36ः रही, जबकि सबसे कम गिरावट निफ्टी फार्मा में 0.51ः रही। निफ्टी ऑटो में 2.88ः, और निफ्टी एनर्जी में 2.61ः की गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही बैंक निफ्टी भी 2ः से अधिक की गिरावट के साथ 51,845 पर बंद हुआ।
10 लाख करोड़ का नुकसान-
बाजार में आई इस भारी गिरावट से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध कंपनियों के कुल मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपये की भारी कमी आई है, जिसके बाद यह घटकर 464.94 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।
निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण समय-
बाजार की मौजूदा स्थिति ने निवेशकों के सामने गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण निकट भविष्य में भी अस्थिरता बनी रह सकती है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहकर और दीर्घकालिक रणनीति अपनाते हुए निवेश करने की सलाह दी जा रही है।
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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को मौजूदा गिरावट के दौरान घबराने की बजाय धैर्य रखना चाहिए। वैश्विक बाजारों में स्थिरता आने पर भारतीय शेयर बाजार में सुधार की संभावनाएँ हैं। इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्दबाजी में निर्णय न लें और समझदारी से अपने निवेश को प्रबंधित करें।