जयपुर। देश में लोकसभा चुनाव नजदीक है। इस बीच सियासत हर दिन बदलाव नज़र आ रहा है। गहलोत सरकार में कृषि मंत्री रह चुके लालचंद कटारिया अब कांग्रेस छोड़ सकते हैं (Lalchand Kataria, who was Agriculture Minister in Gehlot government, can now leave Congress)। इसको लेकर सियासी संकेत भी सामने आए हैं। इससे पहले भी कटारिया की कांग्रेस छोड़ने की जमकर चर्चाएं चली थी।
वहीं अब लालचंद कटारिया का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ मुलाकात का एक फोटो (A photo of Lalchand Kataria’s meeting with Vice President Jagdeep Dhankhar) सामने आया है। इसको लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि कटारिया कांग्रेस छोड़ सकते हैं। लोकसभा चुनाव के नजदीक होने के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं।
उन्होंने हाल ही विधानसभा चुनाव लड़ने से भी इंकार कर दिया था। इस बीच अब लोकसभा चुनाव काफी नजदीक हैं। ऐसे में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ उनकी मुलाकात कोई बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के साथ उनकी मुलाकात के दौरान आरएसएस से जुड़े कुछ लोग भी मौजूद थे। ऐसे में सियासी पारा चढ़ गया है। कयास लगाए जा रहे है कि कटारिया बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। उपराष्ट्रपति से कटारिया की मुलाकात को इसी संकेत से जोड़कर देखा जा रहा है।
लालचंद कटारिया का निर्वाचन क्षेत्र झोटवाड़ा विधानसभा था। लेकिन इस बार उनके क्षेत्र में काफी विरोध रहा। उसको देखते हुए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया और यह तर्क दिया कि वह राजनीति की जगह आध्यात्म की ओर ध्यान देंगे। लेकिन बीते दिनों उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ के साथ उनकी मुलाकात के बाद कुछ और ही संकेत मिल रहे हैं। खास बात यह है कि इस मुलाकात के दौरान आरएसएस से जुड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे। जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि शायद अब कटारिया कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी की राह पकड़ सकते हैं।
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लालचंद कटारिया ने इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इसको लेकर ही राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा शुरू हो गई। कटारिया पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं। लेकिन उनके झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में इस बार काफी विरोध हुआ। विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने कटारिया को टिकट नहीं देने मांग उठाई थी। इसी विरोध के चलते कटारिया ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। तब कटारिया ने कहा कि अब वे अध्यात्म पर ध्यान लगा रहे हैं। कटारिया न तो खुद चुनाव लड़ेंगे और न ही उनका कोई स्वजन विधानसभा चुनाव लड़ेगा।