जयपुर। बीजेपी की भजनलाल सरकार के एक्शन पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत का रिएक्शन (Reaction of former CM Ashok Gehlot) आया है। उन्होंने सरकार के फैसले को बेतुका, गरीब और मध्यम वर्ग विरोधी बताया है।
दरअसल, राज्य सरकार ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को फिर से हिंदी मीडियम में बदलने का निर्णय (Mahatma Gandhi decision to convert English medium schools back to Hindi medium) किया जा रहा है। इस पर निशाना साधते हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा-गरीब और मध्यम आयवर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए थे। यदि इन स्कूलों में सुधार की आवश्यकता थी तो वर्तमान सरकार इसमें आवश्यक सुधार करती परन्तु अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को पुनः हिन्दी माध्यम करना बेतुका एवं गरीब व मध्यम वर्ग के विरोध में लगता है। हिन्दी तो हम सभी की मातृभाषा है ही परन्तु अंग्रेजी माध्यम बच्चों को रोजगार के नए अवसर देता है।
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने स्थानीय निवासियों एवं जनप्रतिनिधियों की मांग पर ही अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले थे और इनसे एक अच्छा माहौल तैयार हुआ था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
आपको बता दें कि राजस्थान में 2000 से ज्यादा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल चल रहे हैं। शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर अधिकारियों से इंग्लिश मीडियम स्कूल के मौजूदा हालात, टीचर्स की संख्या, स्टूडेंट की संख्या के साथ 38 पॉइंट का रिव्यू कर उसे फिर से हिंदी मीडियम में शुरू करने की सिफारिश मांगी है। इसके आधार पर फैसला कर शिक्षा विभाग इंग्लिश मीडियम स्कूल को फिर से हिंदी मीडियम में बदलेगा।
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हालांकि सोशल मीडिया पर इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ही आलोचना की जा रही है। बीजेपी समर्थक लिख रहे हैं कि स्कूल नाम मात्र के इंग्लिश मीडियम है, वहां हिंदी मीडियम के शिक्षक लगे हैं। इंग्लिश मीडियम स्कूलों का अलग से कॉडर बनाने की जरूरत है। कांग्रेस समर्थक लिख रहे हैं कि बीजेपी वालों को पढ़ाई से मतलब क्या है? इनका एक ही मकसद है कि कोई गरीब बच्चा इंग्लिशन मीडियम में नहीं पढ़ना चाहिए। भाजपा विधायकों व सांसदों के बेटे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं तो आमजन के साथ भेदभाव क्यों?