बूंदी। आगामी 1जुलाई से नहरों में पानी छोड़ने और केशोराय पाटन शुगर मिल (Releasing water into canals and Keshorai Patan Sugar Mill) के संचालन की प्रक्रिया को शुरू करने की मांग को लेकर किसान 2मई को संभागीय आयुक्त कोटा कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन (Farmers protest at Divisional Commissioner Kota office on 2nd May and submit memorandum) सौंपेंगे। इसके बाद 17 जून से मुख्यमंत्री आवास की ओर ट्रैक्टर मार्च निकालने का निर्णय लिया गया। के.पाटन शुगर मिल संयुक्त किसान समन्वय समिति के प्रतिनिधि नवीन श्रृंगी ने बताया कि क्षेत्र की जीवनदायनी केशोरायपाटन शुगर मिल के पुनः संचालन की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने एवं 1 जुलाई से खरीफ की फसलों के लिए नहरों में पानी छोड़ने की मांग को लेकर क्षेत्र के किसानों की महापंचायत रविवार को आड़ा गैला बालाजी मंदिर परिसर में हुई, जिसमे सैकडो गांवो के किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता भंवरलाल चौधरी ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए युवा किसान नेता गिरिराज गौतम ने कहा कि अब विधानसभा एवं लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं, सरकार और प्रशासन को किसानों से किए हुए वादे को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व प्रशासन एवं सरकार ने किसानों को विश्वास दिलाया था कि चुनाव के बाद शुगर मिल की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा, इसके बाद किसानों ने अपना ट्रैक्टर मार्च स्थगित किया था। अब समय आ गया है कि प्रशासन और सरकार अपना वादा निभाए। गौतम ने कहा कि शुगर मिल क्षेत्र के किसानों का स्वाभिमान एवं सम्मान है, साथ ही क्षेत्र के युवाओं के रोजगार की उम्मीद है। इसके लिए अपने प्राणों की आहुति तक संघर्ष जारी रहेगा।
गौतम ने कहा कि चंबल के बांधों में पर्याप्त पानी उपलब्ध है और क्षेत्र के किसानों का नहरी पानी पर संपूर्ण अधिकार है इसीलिए सरकार एवं प्रशासन को समय से पूर्व तैयारी कर 1 जुलाई से खरीफ की फसलों के लिए नहरी पानी प्रवाहित करना चाहिए, जिसको लेकर किसान लामबंद हो चुके हैं एवं आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। गौतम ने कहा कि क्षेत्र का किसान स्वयं मलिक है एवं अपना निर्णय स्वयं करेगा उन्होंने कहा पिछले वर्ष भी जब किसानों की फसलें सुख रही थी और प्रशासन उदासीनता दिखा रहा था तब किसानों के संघर्ष के दम पर नहरों में पानी छूटा और किसानों की फसल बच सकी, जब नहरी पानी पर किसानों का अधिकार है तो किसान क्यों आर्थिक हानि उठायेगा।
उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि दो माह के भीतर नहर पर चल रहे सभी कार्यों को पूर्ण किया जाए ताकि किसानों को 1 जुलाई से नहरों में पानी मिल सके। इन दोनों मांगों को लेकर 2 मई को दोपहर 2 में संभागीय आयुक्त कार्यालय कोटा में संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे एवं लिखित आश्वासन की मांग करेंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो 17 जून से किसान सैकड़ो ट्रैक्टरों के साथ मेगा हाईवे से मुख्यमंत्री आवास जयपुर की ओर अपनी मांगों को लेकर कुच करेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी। गौतम ने कहा कि दोनों मांगों को लेकर किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, इसको लेकर प्रत्येक गांव में बैठकर होगी एवं समितियां का गठन किया जाएगा।
यह भी पढ़े : सास पर आया बहु का दिल, शारीरिक संबंध के लिए मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाकर बनाती है दबाव
इस अवसर पर वरिष्ठ किसान नेता दशरथ कुमार, श्री लाल गुंजल, किसान नेता सूरजमल नागर, जल प्रबंधन समिति अध्यक्ष पुष्प चंद गुर्जर, छीतर लाल मीणा, विजेंद्र सिंह, भेरूलाल मीणा, शिवराज मीणा, सरदार गुरदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, रामस्वरूप पहाड़, शंकर लाल, ओम गुर्जर, छीतर नागर, राजू मीणा, बद्री लाल बैरागी, ललित शर्मा, लोकेश गौतम, निर्मल सिंह आदि किसान नेताओं भी अपने विचार रखे।