जयपुर। परिवेश पोर्टल पर अपलोड लीज/क्वारी लाइसेंस वाली खानों के दस्तावेजोें की जांच हो चुके माइंसधारकों से 31 मई तक परिवेश पोर्टल पर फार्म 2 अपलोड करवाये (Mine holders should be asked to upload Form 2 on the environment portal by 31st May) जाएंगे।
माइंस सचिव आनन्दी (Mines Secretary Anandi) ने कहा है कि जिला स्तर से पर्यावरण स्वीकृतियां प्राप्त लीज/क्वारी लाइसेंस खानों को राज्य स्तरीय समिति से पर्यावरण स्वीकृतियां जारी कराने का कार्य विभाग द्वारा मिशन मोड़ पर किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित खान धारकों से समन्वय बनाते हुए फार्म 2 अपलोड कराने के काम को 31 मई तक प्राथमिकता से पूरा कराएं। उन्होंने खानधारकों से भी आग्रह किया है कि वे राज्य स्तर से ईसी प्राप्त करने के लिए परिवेश पोर्टल पर स्वयं या अन्य से अविलंब फार्म 2 अपलोड करायें ताकि एनजीटी द्वारा तय समय सीमा में ईसी जारी हो सके और किसी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
खान सचिव आनन्दी बुधवार को सचिवालय में जिला स्तरीय समितियों से पर्यावरण स्वीकृतियां प्राप्त लीज व क्वारी लाइसेंस वाली माइंस को राज्य स्तरीय समिति से ईसी जारी कराने के कार्य की प्रगति समीक्षा कर रही थी। एनजीटी के निर्णय के बाद राज्य की इस तरह की करीब 24 हजार खानों को तय समय सीमा में राज्य स्तरीय एंवायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी से पर्यावरण स्वीकृतियां जारी कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मंगलवार को ही मुख्य सचिव सुधांश पंत ने माइंस, पर्यावरण, सीया व सेक के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए सभी को फेसिलिटेटर की भूमिका निभाते हुए तय समय सीमा में यह कार्य पूरा कराने को कहा है।
आनन्दी ने बताया कि परिवेश पोर्टल पर अपलोड होने वाले फार्म 2 के संबंध में चेक लिस्ट जारी कर अधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है। इसके साथ ही प्रक्रिया को भी आसान कर दिया गया है। अब अधिकारियों को संबंधित से वन टू वन संपर्क कर फार्म 2 तैयार कराकर 31 मई तक अपलोड करवाने की कार्यवाही करवानी है।
विभागीय नोडल अधिकारी एसएमई विजिलेंस प्रताप मीणा ने प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि माइंस विभाग पर्यावरण विभाग व सीया से समन्वय बनाये हुए हैं।
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बैठक में एसएमई जयपुर एनएस शक्तावत, एसएमई अजमेर जय गुरुबक्सानी, एसएमई जोधपुर भीम सिंह राठौड, एसएमई भीलवाड़ा ओपी काबरा, एसएमई कोटा वाईएस डामोर, संबधिक जिलों के खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता आदि ने हिस्सा लिया।