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डीग में खतरनाक हुआ डिप्थीरिया, अब तक 8 बच्चों की मौत, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

Diphtheria becomes dangerous in Deeg, 8 children have died so far, health department alert

भरतपुर। डीग जिले के गांवों में डिप्थीरिया नामक खतरनाक बीमारी तेजी से फैलने लगी है, जिससे अब तक 8 बच्चों की जान जा चुकी है। इस स्थिति ने चिकित्सा विभाग को हरकत में ला दिया है, और WHO की हेल्थ टीम भी गांवों में पहुंच गई है, जहां मौतें हुई हैं। अब गांव-गांव में बच्चों का टीकाकरण (vaccination of children) शुरू कर दिया गया है, और संदिग्ध बच्चों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं।

डिप्थीरिया से पीड़ित बच्चों की मौत-

डिप्थीरिया (Diphtheria) से जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें सुमित (7) पुत्र बनवारी लाल, कांमा निवासी, अकरिन (5) पुत्र बाबू, नगर निवासी, मोनीष (3) पुत्र शरीफ, नगर निवासी, आशिफा (6) पुत्री आस मोहम्मद, पहाड़ी निवासी, शेजान पुत्र वारिश खान, दुन्दावल निवासी, जिसकी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में मौत हुई है। शेजान के बड़े भाई फैजान भी डिप्थीरिया से पीड़ित है, जिसका इलाज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में चल रहा है।

WHO और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई-

WHO की टीम और स्वास्थ्य विभाग की टीम (Health Department Team) ने गांवों में पहुंचकर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का टीकाकरण शुरू किया। WHO के क्षेत्रीय को-ऑर्डिनेटर सुनील यादव ने बताया कि डिप्थीरिया मुख्यतः 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में गले में सूजन, बुखार, और खांसी शामिल हैं।

जागरूकता की कमी बनी चुनौती-

डिप्थीरिया के फैलने का एक बड़ा कारण टीकाकरण (vaccination) की कमी है। मेवात क्षेत्र में लोगों की जागरूकता की कमी के चलते कई बच्चों को टीका नहीं लगाया गया, जिससे उनकी मौत हो गई। इस वजह से अब गांव-गांव में टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया गया है।

बच्चों का भागना बनी वजह-

WHO की टीम जब दुन्दावल के सरकारी स्कूल में बच्चों का टीकाकरण करने पहुंची, तो बच्चों को इसकी भनक लगते ही वे क्लास छोड़कर भाग गए। हालांकि, कुछ बच्चों को टीका लगाया जा सका।

स्वास्थ्य विभाग की बैठक-

जयपुर से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डीग में एक विशेष बैठक की, जिसमें डिप्थीरिया से हुई मौतों और टीकाकरण अभियान की प्रगति पर चर्चा की गई। स्वास्थ्य अधिकारियों (Health Authorities) ने जोर देकर कहा कि गांव-गांव जाकर टीकाकरण अभियान को पूरी तरह से सफल बनाया जाए, ताकि इस जानलेवा बीमारी पर काबू पाया जा सके।

क्या हें डिप्थीरिया और दूसरा नाम-

डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है जो कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया (Corynebacterium diphtheriae) नाम के बैक्टीरिया से होती है। यह एक श्वसन संक्रमण है जो गले, टॉन्सिल, नाक, त्वचा, स्वरयंत्र, नेत्र, और बाहरी जननेंद्रिय को प्रभावित करता है। डिप्थीरिया को आम भाषा में गलाघोंटू भी कहा जाता है।

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डिप्थीरिया का टीका आमतौर पर टेटनस और काली खांसी (पर्टुसिस) के टीकों के साथ मिलाया जाता है। तीन-इन-वन वैक्सीन को डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस वैक्सीन के नाम से जाना जाता है। इस वैक्सीन के नवीनतम संस्करण को बच्चों के लिए DTaP वैक्सीन और किशोरों और वयस्कों के लिए Tdap वैक्सीन के नाम से जाना जाता है।

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