टोंक, (चेतन वर्मा)। राजस्थान में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। जहां भाजपा के बड़े नेता विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने जयपुर में बैठकों का दौर शुरू कर दिया है।
मंगलवार को जयपुर स्थित कांग्रेस के वॉर रूम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (State Congress President Govind Singh Dotasara) की अध्यक्षता में देवली-उनियारा विधानसभा सीट (Devli-Uniara assembly seat) पर आगामी उपचुनाव को लेकर गहन मंथन किया गया। बैठक में चुनावी रणनीति, टिकट वितरण (Ticket Distribution) और संगठन को मजबूत करने के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गई। इस दौरान टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सांसद हरीश चंद्र मीना ने भी देवली-उनियारा विधानसभा में संगठन की मजबूती को लेकर पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय नेताओं से मुलाकात की।
बैठक में हुई महत्वपूर्ण चर्चा
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हरिप्रसाद बैरवा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रामविलास चौधरी, कांग्रेस कमेटी की सचिव माया सुवालका सहित कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। बैठक में उपचुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाई गई और टिकट वितरण को लेकर गहन चर्चा हुई। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्थानीय नेताओं से फीडबैक लिया और संगठन की मजबूती पर जोर दिया।

कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों पर नजर
देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर Congress की ओर से पांच प्रमुख नामों की चर्चा है। इनमें पूर्व विधायक राम नारायण मीणा का नाम सबसे आगे है, जो 2008 से 2013 तक इस सीट से विधायक रह चुके हैं और विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं। इसके अलावा धीरज गुर्जर, जो प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं, का नाम भी सुर्खियों में है। वहीं, नरेश मीणा, सांसद हरीश मीणा के बेटे हनुमंत मीणा, और रामसिंह मीणा के नाम भी संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं।
बीजेपी के संभावित उम्मीदवारों की दौड़
दूसरी ओर, देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर BJP की ओर से छह प्रमुख नामों की चर्चा है। इनमें राजेंद्र गुर्जर, जो 2013 से 2018 तक इस सीट से विधायक रह चुके हैं, का नाम सबसे आगे है। उनके अलावा विजय बैंसला, अलका सिंह गुर्जर, डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर, सीताराम पोसवाल, और प्रभुलाल सैनी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।
यह भी पढ़े : राजस्थान में उपचुनाव से पहले बड़ी सियासी सरगर्मियां, पायलट के गढ़ में गरजे BJP के दिग्गज
अगले कदम की तैयारी
कांग्रेस की इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। उम्मीदवारों के चयन में पार्टी पूरी सतर्कता बरत रही है, ताकि आगामी उपचुनाव में जीत सुनिश्चित की जा सके। जयपुर में हो रही इन बैठकों और चर्चाओं से यह साफ है कि कांग्रेस अपनी रणनीति को और धार देने के लिए तैयार है। वहीं, भाजपा भी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है, जिससे यह उपचुनाव और भी रोमांचक होने की संभावना है।