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मादा बाघिन RVT-2 का NTCA प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार, PCC सदस्य सत्येश शर्मा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

Cremation of female tigress RVT-2 as per NTCA protocol, PCC member Satyesh Sharma demands high level investigation

बून्दी, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक के अनुसार, लगभग 15 से 20 दिनों से मादा बाघिन RVT-2 का कोई अता-पता नहीं था, जिससे रिजर्व के अधिकारी और ट्रैकिंग टीम पूरी सतर्कता के साथ बाघिन की खोज में लगे हुए थे। रामगढ़ और जैतपुर रेंज की गठित टीमों द्वारा सघन मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग की जा रही थी।

14 अक्टूबर की शाम, देवरी माता और बांद्रापोल के बीच स्थित नाले में एक बाघ का कंकाल मिला, जो मादा बाघिन आरवीटी-2 का निकला। रेडियो कॉलर समेत मिले इस कंकाल की सूचना मिलने के बाद, वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। उपवन संरक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद थे और इस दुखद घटना की पुष्टि की गई।

साक्ष्यों का संकलन और अंतिम कार्यवाही

बाघिन के समस्त अवशेष – दांत, नाखून, जबड़ा आदि पूर्ण रूप से पाए गए। पूरी घटना की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई, ताकि साक्ष्य संरक्षित रह सकें। इसके बाद कंकाल को बून्दी वन मंडल कार्यालय लाया गया, जहां पशु चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया और जिला पुलिस द्वारा नियुक्त फोरेंसिक टीम ने फिंगरप्रिंट्स आदि का परीक्षण किया।

एनटीसीए के प्रोटोकॉल के तहत – आखिरी विदाई

मादा बाघिन आरवीटी-2 के पोस्टमार्टम के बाद, प्रमुख वन संरक्षक और अन्य उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में विधि सम्मत अंतिम संस्कार किया गया। एनटीसीए के प्रोटोकॉल के तहत यह पूरी कार्यवाही की गई , जिसमें पत्रकारों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी भी थी।

बाघिन टी 102 की मौत पर सवाल – उच्च स्तरीय जांच की मांग

कांग्रेस के पीसीसी सदस्य सत्येश शर्मा ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बाघिन की मौत अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत का नतीजा हो सकती है। शर्मा का कहना है कि ऐसे हादसे बाघों की सुरक्षा में गंभीर चूक को दर्शाते हैं, जबकि संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। उन्होंने राज्य सरकार से दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।

क्या यह किसी बड़े गिरोह की साजिश?

सत्येश शर्मा ने आशंका जताई कि बाघिन की मौत किसी गिरोह की साजिश हो सकती है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं बून्दी के पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।

रामगढ़ टाइगर रिजर्व पर सवाल

बाघिन टी 102 और उसके शावकों के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। सत्येश शर्मा का कहना है कि बाघिन की मौत और शावक के लापता होने की खबर ने टाइगर रिजर्व की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रेडियो कॉलर के होते हुए भी बाघिन की जानकारी समय पर न मिल पाना, प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।

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इस दुखद घटना ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व और बून्दी के भविष्य पर गहरा आघात पहुंचाया है, और अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।

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