जयपुर। सरकार बनने के बाद से सीएम भजनलाल शर्मा लगातार एक्शन में नज़र आ रहे हैं। पहली प्रेस ब्रीफिंग में जनहित की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने अब अधिकारियों की पहली बैठक (First meeting of officials) में एक बार फिर से यह साफ कर दिया है कि उनकी सरकार में जनहित सर्वाेपरि होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति (Zero tolerance policy towards corruption) पर चलते हुए राज्य सरकार कार्य करेगी। प्रधानमंत्री के विकास की रोशनी को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने में हमें अपना सार्थक योगदान देना है। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के विजन पर ही हमें आगे बढ़ना है।
सचिवालय के कॉन्फ्रेन्स हॉल में अधिकारियों को जनता की सरकार का मैसेज देते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसी हिस्से से किसी भी दफ्तर में आई फरियाद पर सुनवाई ज़रूर हो। सीएम ने कहा कि सरकार का फोकस गुड गवर्नेन्स (Government’s focus is good governance) पर है और इसमें अधिकारियों की अहम भूमिका है। उन्होने अधिकारियों से आगामी 25 वर्ष को ध्यान में रखते हुए योजना बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से सार्थक सहभागिता एवं टीम भावना के साथ जनहित में कार्य करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी अर्न्तमन की बात सुनते हुए जनता के प्रति अपने दायित्वों का शुचिता के साथ उत्कृष्ट निर्वहन करे। अधिकारियों के सुदृढ नैतिक मूल्य ही उन्हें शुचिता के साथ कार्य करने को प्रेरित करते हैं।
सीएम भजनलाल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर ली हैै। विधायिका के मुखिया ने कार्यपालिका और उसके मुखिया से बातचीत में साफ मैसेज दे दिया है। हालांकि पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद सीएमओ में मीडिया के साथ पहली ब्रीफिंग में भी सीएम भजनलाल ने साफ कर दिया था कि जनहित का काम उनकी सरकार में सर्वाेपरि रहेगा। मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि उनकी सरकार में जनहित का कोई काम नहीं अटकेगा।
राजस्थान में अब नहीं होगी लालफीताशाही
अधिकारियों की मीटिंग में अधिकारियों ने परिचय देने के साथ ही अभी तक चल रहे कामकाज और प्रमुख योजनाओं का ब्यौरा दिया। अधिकारियों ने अपनी बात रख दी, लेकिन आमतौर पर अधिकारी कहते हैं कि सरकार चलाने में उनका कोई व्यक्तिगत ऐजेंडा नहीं, बल्कि सरकार के निर्वाचित मुखिया का मेंडेट ही सर्वाेपरि होता है।
आमतौर पर ब्यूरोक्रेसी के मुखिया के रूप में मुख्य सचिव की ज़िम्मेदारी संभालने वाले अफसर कहते रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ही काम करते हैं और करेंगे। ऐसे में अफसरों की मौजूदा टीम भी इसी सोच से काम करती दिखती है।
साथ ही यह सीएम भजनलाल की भी यही मंशा है कि जनता कि जिन भावनाओं को पूरा करने के लिए सरकार चुनी गई है। उस पर अधिकारी भी फोकस करें। आज की बैठक में सीएम ने बीजेपी के संकल्प पत्र को सरकार के मंशा पत्र का रूप देने पर भी चर्चा की।
इससे पहले सांगानेर में विकसित भारत यात्रा के आगाज़ के कार्यक्रम में भी साफ कह दिया कि अधिकारियों को पूरी तत्परता और ईमानदारी से काम करना होगा। उन्होंने भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कही और यह भी मैसेज साफ दे दिया कि वे अधिकारियों के कामकाज के साथ ही विकसित भारत यात्रा में हो रहे काम पर भी रिपोर्ट लेंगे। और उन्होने अधिकारियों से 100 दिन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है।
भले ही ब्यूरोक्रेसी खुद का कोई मेन्डेट नहीं होने की बात कहती हो, लेकिन कई बार राजनीतिक पार्टियों के लोग ब्यूरोक्रेसी के गैर ज़रूरी दखल के आरोप लगाते रहते हैं।
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साथ ही आरोप यह भी लगते हैं कि अफसरशाही कब लालफीताशाही बन जाती है यह सरकार में बैठे लोगों को भी पता नहीं लगता है लेकिन इन सब बातों से इतर नई सरकार जनहित पर अपना फोकस कर रही है। यही कारण है कि सीएम भजनलाल जनहित को ही सर्वाेपरि रखने की बात कर रहे हैं।