बूंदी। राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने बूंदी नगर परिषद की सभापति मधु नुवाल को गुरुवार को सरकारी जमीन पर कब्जा करने और पद का दुरुपयोग करने के आरोप में पार्षद एवं सभापति पद से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई विभाग द्वारा की गई जांच के बाद की गई, जिसमें नुवाल और परिषद के कर्मचारियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ।
डीडीआर कोटा द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि सभापति मधु नुवाल (Chairman Madhu Nuwal) और नगर परिषद के कर्मचारियों ने मिलकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर अनुचित लाभ उठाया है। स्वायत्त शासन निकाय विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर सभापति मधु नुवाल को स्पष्टीकरण का अवसर देते हुए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(1) के तहत नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, उनके जवाब से संतुष्ट न होने पर उन्हें दोषी मानते हुए धारा 39(3) के तहत न्यायिक जांच का निर्णय लिया गया और मामला विधि विभाग को भेजा गया।
सभापति मधु नुवाल को उनके पद पर बने रहने से न्यायिक जांच प्रभावित होने की संभावना के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया गया। इस आशय के आदेश निदेशक एवं संयुक्त सचिव स्वायत्त शासन विभाग द्वारा 28 अगस्त को जारी किए गए थे।
क्या है मामला
सिलोर रोड स्थित 11 बीघा सरकारी जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस जमीन पर सभापति मधु नुवाल (Chairman Madhu Nuwal) के परिजनों का वर्षों से कब्जा बताया जा रहा था। गो सेवकों ने इस जमीन पर गोशाला बनाने के लिए आवंटन की मांग की थी, जिसके बाद मामला जिला न्यायालय और राजस्थान हाई कोर्ट तक पहुंचा। न्यायालय के आदेश के बाद जमीन को नगर परिषद के नाम आवंटित कर दिया गया। नगर परिषद ने उस जमीन पर अपना कब्जा लेकर बोर्ड भी लगा दिया था, लेकिन इसके बावजूद वहां लगाई गई फसल को रातों-रात चोरी कर लिया गया और फिर से खेती कर दी गई।
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मधु नुवाल के खिलाफ लंबित मामले
सूत्रों के अनुसार, सभापति मधु नुवाल के खिलाफ डीडीआर (DDR) टा में 20 मामले विचाराधीन हैं, जिनकी जांच चल रही है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भी 17 मामलों की जांच प्रक्रियाधीन है। इनमें से कई मामले पट्टों से जुड़े हैं और 7 मामलों पर जल्द ही निर्णय आने की संभावना जताई जा रही है।