राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) में हुए 55 करोड़ रुपये के एडवांस पैमेंट घोटाले में अब बड़ा खुलासा हुआ है। जल जीवन मिशन की जांच में शामिल 50 इंजीनियरों पर गाज गिरने वाली है। जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर अजय सिंह राठौड़ ने इस संबंध में कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने इस मामले में दोषी पाए गए इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
जल जीवन मिशन के 55 करोड़ रुपये के एडवांस पैमेंट मामले को खबरे कई मीडिया संस्थानों ने प्रमुखता से उठाई थी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद, 26 दिसंबर को मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जलदाय विभाग से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी थी। विभाग से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर ने 5 अधीक्षण अभियंताओं को कार्रवाई के आदेश दिए। इसके साथ ही, विभाग द्वारा इंजीनियरों की पहचान करने और उनसे स्पष्टीकरण लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
RTPP नियम के तहत कार्रवाई
जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर अजय सिंह राठौड़ ने RTPP (राजस्थान सार्वजनिक खरीद और अनुबंध नियम 1958) के संशोधन 16 के तहत एडवांस पेमेंट करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। इसके तहत, इंजीनियरों की पहचान करने के बाद 7 दिनों के भीतर उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा। इसके साथ ही, 15 दिन के भीतर पूरी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।
फर्जी एडवांस पैमेंट का मामला
इस घोटाले में 2021 से 2023 के बीच राजस्थान के आठ डिवीजन में फर्जी एडवांस पेमेंट की घटना सामने आई है। इन डिवीजनों में बहरोड, पावटा, सीकरी, महुआ, नीमकाथाना, अलवर NCR 2, जयपुर ग्रामीण और जमवारामगढ़ शामिल हैं। इन तीन सालों में इन डिवीजनों में कार्यरत जेईएन, एईएन और एक्सईएन पर अब कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इन मामलों में इंजीनियरों के तबादले भी हुए हैं, जिससे इंजीनियरों की संख्या 50 तक पहुंच सकती है। इन इंजीनियरों की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं, क्योंकि वे अब इस फर्जी पैमेंट के आरोपी बन चुके हैं।
आदेश और रिपोर्ट की प्रक्रिया
चीफ इंजीनियर अजय सिंह राठौड़ ने कोटपूतली-बहरोड, दौसा, नीमकाथाना, अलवर, और जयपुर ग्रामीण अधीक्षण अभियंताओं को आदेश दिए हैं कि वे इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करें। 7 दिनों के भीतर जिम्मेदार इंजीनियरों का पता लगाकर उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा और 15 दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। इस पूरी जांच प्रक्रिया के बाद, जल जीवन मिशन के अंतर्गत हुए इस घोटाले में शामिल इंजीनियरों के नाम सामने आएंगे।

ED की जांच
इतना ही नहीं, इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा भी की जा रही है। ED ने मामले को गंभीरता से लिया है और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। कुछ ही दिनों में उन इंजीनियरों के नाम भी सामने आएंगे, जिन्होंने बिना किसी काम के ही एडवांस पेमेंट किया था। ED की जांच से इस मामले में और भी नए तथ्य सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
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भ्रष्टाचार की जड़ें और भविष्य की कार्रवाई
यह मामला जल जीवन मिशन के तहत हुए भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है, जिसमें कई इंजीनियरों ने नियमों की अनदेखी कर फर्जी एडवांस पेमेंट की प्रक्रिया को अंजाम दिया। इससे न केवल विभाग की साख पर सवाल उठे हैं, बल्कि इस घोटाले से संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना है। जांच पूरी होने के बाद, इसमें शामिल दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।