in ,

सैंड स्टोन एवं क्रेशर उद्योग की मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, सरकार पर अनदेखी के आरोप

Indefinite strike begins over demands of sand stone and crusher industry, government accused of negligence

बूंदी, (कलीमुद्दीन अंसारी)। बरड़ क्षेत्र डाबी में सैंड स्टोन व क्रेशर उद्योग से जुड़े संगठनों ने सरकार पर लगातार उपेक्षा का आरोप लगाते हुए रविवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। इस हड़ताल का निर्णय बूंदी सैंड स्टोन माइंस ओनर विकास समिति, बरड़ सैंड स्टोन क्षेत्रीय विकास समिति, कोबल्स यूनियन और यूनाइटेड स्टोन क्रेशर वेलफेयर सोसायटी की संयुक्त बैठक में लिया गया। बैठक में उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों ने सरकार से विभिन्न ज्वलंत समस्याओं के समाधान की मांग की।

रॉयल्टी दरों में वृद्धि से उद्योग पर आर्थिक दबाव
बैठक में सर्वसम्मति से यह मांग की गई कि सैंड स्टोन खनन व क्रेशर व्यवसाय पर लगाए गए बढ़े हुए रॉयल्टी दरों को तुरंत वापस लिया जाए। प्रतिनिधियों का कहना है कि इन दरों से छोटे खान मालिकों पर आर्थिक बोझ अत्यधिक बढ़ गया है, जबकि यह व्यवसाय पहले से ही मंदी की मार झेल रहा है।

पर्यावरण स्वीकृति प्रक्रिया सरल करने की मांग
बैठक में पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) प्राप्त करने की प्रक्रिया को जटिल व लंबित बताते हुए इसे सिंगल विंडो सिस्टम से जोड़े जाने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाली खदानों को बी-2 श्रेणी में रखते हुए तत्काल ईसी जारी करने की अपील की गई।

सीआई के आदेशों की वापसी की मांग
खनन व्यवसायियों ने सीआई द्वारा 23 जुलाई 2025 को जारी आदेश को वापस लेने की मांग की। उनका कहना है कि इस आदेश के लागू होने से छोटे खनन पट्टाधारियों पर अनावश्यक दबाव बना है। इसी प्रकार 17 जुलाई 2025 के आदेश में शामिल वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान की अनिवार्यता को भी तर्कहीन बताते हुए उसे हटाने की मांग की गई।

ड्रोन सर्वे व पुराने पट्टों की लीज समाप्ति पर आपत्ति
बैठक में यह मुद्दा भी उठाया गया कि पुराने स्वीकृत खनन पट्टों पर ड्रोन सर्वे कर पंचनामा बनाया जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है। इसके अलावा जिन पट्टों में जलभराव या आर्थिक मंदी के कारण खनन कार्य नहीं हो सका, उन्हें लीज लैप्स करना अनुचित बताया गया।

भिन्न जिलों में नियमों में भेदभाव का आरोप
प्रतिनिधियों ने बताया कि भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया क्षेत्र में ओवरलोड पर सिर्फ रॉयल्टी काटी जाती है, जबकि बूंदी के डाबी क्षेत्र में चालान किया जाता है। उन्होंने इसे असमानता बताते हुए एक समान नीति लागू करने की मांग की।

क्रेशर उद्योग की समस्याएं भी गंभीर
बैठक में यह भी बताया गया कि सैंड स्टोन से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल (खंडा) से गिट्टी बनाने के बाद ट्रांजिट पास (टीपी) पिछले 4 माह से बंद है, जिससे उद्योग प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही ओवरबर्डन के निष्पादन के लिए न्यूनतम दर पर एसटीपी जारी करने की भी मांग की गई।

सरकार पर ज्ञापनों के बावजूद कार्रवाई न करने का आरोप
प्रतिनिधियों ने बताया कि उपरोक्त समस्याओं को लेकर कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे गए, परंतु अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। मजबूरी में व्यवसायियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया है।

यह भी पढ़े: खनिज विभाग भरतपुर के SME पन्नालाल मीणा का सेवानिवृत्ति पर कोटा में हुआ भावुकअभिनंदन

बैठक में ये रहे उपस्थित
इस निर्णय में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों में बूंदी सैंड स्टोन माइंस ओनर विकास समिति डाबी के अध्यक्ष सूरजमल बंसल, सचिव अशोक कुमार जैन, बरड़ सैंड स्टोन क्षेत्रीय विकास समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी, सचिव संजय पोकरण, यूनाइटेड स्टोन क्रेशर वेलफेयर सोसायटी डाबी के अध्यक्ष नियाज अहमद (निक्कू भाई), सचिव प्रमोद कुमार जैन सहित बड़ी संख्या में व्यवसायी उपस्थित रहे।

सिटी न्यूज़ राजस्थान चैनल को फॉलो करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

बुलेट का पेट्रोल हूआ खत्म, रैपिडो बुक कर लगवाया धक्का देखे Video

बुलेट का पेट्रोल हूआ खत्म, रैपिडो बुक कर लगवाया धक्का देखे Video

Jodhpur: युवती पर युवक ने फेंका तेजाब, इलाके में आक्रोश

Jodhpur: युवती पर युवक ने फेंका तेजाब, इलाके में आक्रोश