भारत ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के तहत ET‑LDHCM यानी Extended Trajectory–Long Duration Hypersonic Cruise Missile का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल मैक 8 (लगभग 11,000 किमी/घंटा) की अद्वितीय गति और 1,500 किमी की रेंज के साथ भारतीय मिसाइल क्षमता को नए आयाम पर ले जाती है ।
🔧 प्रमुख तकनीकी विशेषताएँ
- अति-त्वरण (Mach 8): यह मिसाइल ब्रह्मोस (Mach 3) की तुलना में तीन गुना तेज—लगभग 11,000 किमी/घंटा की गति प्रदान करती है
- दर्शनीय रेंज: 1,500 किमी तक की मारक क्षमता, जो ब्रह्मोस‑290/450 किमी को पीछे छोड़ देती है ।
- पेलोड: यह मिसाइल 1,000–2,000 किग्रा तक का पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जा सकती है
- निम्न‑ऊँचाई और मैन्युवर करने की क्षमता: राडार को चकमा देने के लिए यह कम ऊँचाई पर उड़ती है और दिशा बदल सकती है।
- उच्च तापमान सहनशीलता: 2,000 °C तक तापमान सहने वाली समग्र संरचना, जिसमें ऑक्सीकरण‑रोधी कोटिंग शामिल है ।
🌍 सामरिक और वैश्विक संदर्भ
- इस तकनीकी सफलता के साथ भारत अब सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन ही नहीं, बल्कि हाइपरसोनिक मिसाइल क्लब में शामिल हो गया है।
- यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन के महत्वपूर्ण ठिकानों तक मिनटों में वार कर सकती है, इसलिए यह रणनीतिक सामरिक संतुलन में बदलाव की शक्ति रखती है
🏭 टेक्नोलॉजी स्पिन‑ऑफ
- उपग्रह प्रक्षेपण & अंतरिक्ष शोध
- आपदा प्रतिक्रिया एवं आपात सेवा कार्यक्रम
- स्वदेशी MSME और निजी उद्योग में नवाचार
🗓️ हालिया प्रगति
- 11 जून 2025: Moneycontrol ने Mach 8 गति और 1,500 किमी रेंज की पुष्टि की
- 14 जुलाई 2025: Economic Times ने ET‑LDHCM का सफल परीक्षण दर्ज किया
- Ground Test: 1,000‑सेकंड स्क्रैमजेट ग्राउंड टेस्ट जनवरी 2025 में सफल रहा ।
🧭 क्यों है यह मिसाइल गेम‑चेंजर?
पहलु | विवरण |
---|---|
स्पीड | तेजी से लक्ष्य पर पहुंचने की क्षमता |
रेंज | गहरी रणनीतिक पहुँच |
सटीकता | कम ऊँचाई और मिड‑फ्लाइट मैन्युवर |
रक्षा क्षमता | उन्नत रक्षा प्रणालियों के लिए चुनौती |