जयपुर। राजस्थान के शिक्षा विभाग में तबादलों की कवायद ने हलचल मचा दी है। सरकार ने विधायकों के पास सीमित संख्या में ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए संदेश भेजा है, जिसमें चहेते कर्मचारियों को पसंदीदा जगह पर पोस्टिंग देकर विधायकों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की जा रही है।
BJP विधायकों के सामने असमंजस की स्थिति
भाजपा सरकार के विधायकों के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वे किसकी अर्जी स्वीकार करें और किसकी दरकिनार करें। शिक्षा विभाग के कर्मचारी लगातार अपने विधायकों से तबादलों की गुहार लगा रहे हैं, जिससे विधायक बड़ी उलझन में फंसे हैं। सरकार ने ईमेल के ज़रिए साफ संदेश दिया है कि सत्तर से ज़्यादा कर्मचारियों के नाम किसी भी सूरत में न भेजे जाएं। यदि ज़्यादा नाम भेजे गए, तो उन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। सरकार की यह शर्त अधिकांश विधायकों को परेशान कर रही है, लेकिन कुछ इस थोड़ी-बहुत ढील से खुश भी हैं, क्योंकि लंबे समय बाद तबादलों की घड़ी आई है।
थर्ड ग्रेड टीचर्स फिर हुए नज़रअंदाज़
तबादलों की इस प्रक्रिया में थर्ड ग्रेड टीचर्स एक बार फिर नज़रअंदाज़ कर दिए गए हैं। तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले हुए बरसों हो गए हैं, और पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने भी इनसे दूरी बनाए रखी थी। भजनलाल सरकार का भी यही हाल है। विधायक जिन शिक्षकों की डिजायर कर सकेंगे, उनमें सेकंड ग्रेड, लेक्चरर्स, प्रिंसिपल और इनसे जुड़े कार्मिक शामिल हैं। कुल मिलाकर, जिस तरह की शर्त सरकार ने ट्रांसफर्स के लिए रखी है, उसी के तहत तबादले हुए तो केवल 7-8 हज़ार कार्मिक ही इधर से उधर हो पाएंगे।
गुप्त रखी जा रही है प्रक्रिया, कल आखिरी दिन
तबादले की पूरी प्रक्रिया को गुप्त रखा जा रहा है ताकि न कहीं शोर मचे और न ही सरकार के खिलाफ कोई नाराजगी उपजे। यही वजह है कि मंत्री भी संभलकर बयान दे रहे हैं। कल, 15 जून, तबादलों के लिए नाम भेजने का आखिरी दिन है। सरकार इस पूरी प्रक्रिया को बेहद गोपनीय रख रही है। बड़े स्तर पर तबादले खोलने के लिए समय और मशीनरी दोनों की आवश्यकता होती है। चूंकि स्कूलों के खुलने में अब ज़्यादा वक्त नहीं है, इसलिए सरकार इतना बड़ा जोखिम नहीं उठाना चाहती।
फिर भी, विधायकों के साथ-साथ जिलाध्यक्ष और संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी अपने चहेते कर्मचारियों को घर के करीब लाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। सूचियां तैयार होने तक राजधानी में कर्मचारियों का जमावड़ा बना रहेगा, क्योंकि बरसों से इंतज़ार कर रहे कार्मिकों के लिए यह एक शुभ घड़ी है।