राजस्थान की राजनीति में एक दिलचस्प नजारा तब देखने को मिला जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Former Chief Minister Vasundhara Raje) एक विवाह समारोह में शामिल होने पाली पहुंचीं। जैसे ही वे आयोजन स्थल से बाहर निकलीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी कार को घेर लिया और जोर-जोर से नारेबाजी शुरू कर दी। सभी कार्यकर्ता एक सुर में बोलने लगे- मैडम, आप दोबारा सीएम बन जाइए। यह सुनकर वसुंधरा राजे मुस्कुरा उठीं और दोनों हाथ दिखाते हुए बोलीं, मेरे हाथ में है क्या? कार्यकर्ताओं ने उनकी बात शायद ठीक से नहीं सुनी, इसलिए उन्होंने दोबारा कहा, मेरे हाथ में है क्या? इस पर एक कार्यकर्ता ने तुरंत जवाब दिया, आपके ही हाथ में है।
शादी समारोह में शामिल होने पहुंचीं थी राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सोमवार को पाली जिले के बाली कस्बे के बारवा गांव पहुंचीं थीं। वे अपने परिचित शिक्षक नरपत सिंह राजपुरोहित की बेटी के विवाह समारोह में शामिल हुईं। विवाह समारोह में नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने के बाद वे सादड़ी (पाली) में रुकीं, जहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात हुई। यहां मौजूद समर्थकों ने उनके स्वागत में फूल मालाएं पहनाईं और चुनरी ओढ़ाई।
बुजुर्ग महिला ने किया खास आग्रह
सादड़ी कस्बे के आखरिया चौक पर भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जमा थी। वहां मौजूद महिला कार्यकर्ताओं ने भी वसुंधरा राजे को देखने और मिलने की इच्छा जताई। इस दौरान एक बुजुर्ग महिला ने वसुंधरा राजे का हाथ पकड़कर कुछ कहा, जिससे वे मुस्कुरा उठीं। बुजुर्ग महिला ने दोबारा उनके हाथ को पकड़कर आग्रह किया, जिससे वहां का माहौल और भावनात्मक हो गया। इसी बीच कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर से वसुंधरा राजे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की मांग दोहराई।
क्या वसुंधरा फिर से बनेंगी मुख्यमंत्री?
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और फिलहाल लगातार प्रदेश में दौरे कर रही हैं। हालांकि, वर्तमान में राजस्थान विधानसभा सत्र चल रहा है और सरकार के फैसलों पर लगातार नजर रखी जा रही है। एक साल पहले जब भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से इस फैसले को सार्वजनिक कराने का काम करवाया था।
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वसुंधरा राजे ने कभी भी खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उन्होंने इशारों-इशारों में अपनी भावनाओं को प्रकट किया है। उनके समर्थकों को मंत्रिमंडल में अपेक्षित जगह न मिलने के कारण वे नाखुश बताई जाती हैं। हालांकि, हाल के दिनों में वे पार्टी संगठन की बैठकों में लगातार भाग ले रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व वसुंधरा राजे के बढ़ते जनसमर्थन को किस तरह देखता है और क्या उन्हें फिर से मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जाएगी या नहीं।