जयपुर। 31 जनवरी से राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र शुरू (Budget session of Rajasthan Assembly starts from 31 January) होने जा रहा है। यह सत्र खासतौर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर होगा, क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे को घेरने के लिए तैयार हैं। वहीं, विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Assembly Speaker Vasudev Devnani) ने सत्र की तैयारियों को लेकर अधिकारियों से गंभीरता बरतने की अपील की है। इस सत्र में विधानसभा के संचालन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं, जिनका असर आने वाले दिनों में देखा जाएगा।
सत्र को लेकर स्पीकर की तैयारी
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सत्र की शुरुआत से पहले अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने विधानसभा की दीर्घा में अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ-साथ सत्र के दौरान विधायकों के संचालन पर भी खास ध्यान देने की बात कही है। इसके अलावा, उन्होंने उन विधायकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी की है, जिनका व्यवहार पिछले सत्र में अनुशासनहीन था, जैसे कि मुकेश भाकर, जिन्हें निलंबित किया गया था।
विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच घेराबंदी
सदन के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे को घेरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सत्ता पक्ष को अपने कद्र और विकास कार्यों पर विपक्ष के आरोपों का सामना करना होगा, वहीं विपक्ष सरकार से सवाल-जवाब के लिए तैयार है। इस सत्र में इन दोनों पक्षों के बीच तीखे और अहम मुद्दों पर बहस हो सकती है, जो राज्य के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
विधानसभा में सवालों का उत्तर देने में सुधार
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने विधानसभा के कामकाज को ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए मुख्य सचिव सुधान्शु पंत से भी संवाद किया। इस बातचीत का परिणाम यह हुआ है कि विधानसभा में पेंडिंग सवालों के उत्तर मिलने में सुधार हुआ है। अब तक पेंडिंग सवालों में से 90 प्रतिशत सवालों के उत्तर मिल चुके हैं। इससे यह साफ होता है कि विधानसभा के कामकाज में पारदर्शिता और गति आ रही है।
मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दिए निर्देश
स्पीकर देवनानी ने मुख्य सचिव सुभाष पंत को एक पत्र लिखकर सदन के कामकाज को लेकर और ज्यादा गंभीरता बरतने की बात कही है। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा है कि वे शून्य काल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान अपने संबंधित विभागों से जुड़े मुद्दों पर सदन में उपस्थित रहें। इस कदम से सदन के कार्यों को बिना किसी अड़चन के सही तरीके से चलाने की उम्मीद जताई जा रही है।
बजट सत्र के प्रमुख कार्यक्रम
बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल हरिभाऊ बागडे के अभिभाषण से होगी, जो 31 जनवरी को होगा। इसके बाद 3, 5 और 6 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 7 फरवरी को इस पर सरकार की तरफ से जवाब देंगे। इसके बाद 19 फरवरी को वित्त मंत्री दीया कुमारी राज्य सरकार का बजट विधानसभा में पेश करेंगी। यह दिन राज्य की वित्तीय योजनाओं और आगामी वर्ष के लिए आर्थिक दिशा-निर्देशों के निर्धारण में महत्वपूर्ण होंगे।
विधानसभा को पेपरलेस बनाने की दिशा में कदम
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने विधानसभा को पेपरलेस बनाने की दिशा में भी कई कदम उठाए हैं। इसके तहत अब तक दो ट्रेनिंग सेशंस आयोजित किए गए हैं, जिसमें करीब 110 विधायकों ने ऑनलाइन कामकाज की ट्रेनिंग ली है। यह पहल विधायकों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए है, ताकि वे सदन में आसानी से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर सकें। हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि अभी भी करीब 45 प्रतिशत विधायकों ने ऑनलाइन कामकाज की ट्रेनिंग नहीं ली है।
विधायकों के लिए विशेष अटेंडेंट्स
इस बार के बजट सत्र में स्पीकर ने यह निर्णय लिया है कि हर दिन 15 से 20 अटेंडेंट्स विधानसभा में उपस्थित रहेंगे। इन अटेंडेंट्स का मुख्य कार्य विधायकों को ऑनलाइन कामकाज के बारे में मार्गदर्शन करना होगा। इन अटेंडेंट्स की मदद से विधायकों को सदन के अंदर जरूरत पड़ने पर ऑनलाइन कामकाज के बारे में जानकारी दी जा सकेगी। इससे सदन के कामकाज को ज्यादा प्रभावी बनाने की योजना है।
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31 जनवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र एक अहम राजनीतिक और प्रशासनिक इवेंट साबित होने वाला है। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है, वहीं स्पीकर वासुदेव देवनानी ने इस सत्र के दौरान विधानसभा के कार्यों को सही तरीके से चलाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। उनकी इन पहलाओं से विधानसभा की कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जो भविष्य में और अधिक स्पष्ट और पारदर्शी हो सकती है।