गोरखपुर शहर में सब्जियों के बाजार में मुनाफे के लालच में मिलावटखोरों ने एक ऐसा घातक खेल रच रखा था, जो किसी के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता था। अब तक आप तेल, घी, मसाले और नमक में मिलावट की खबरें (news of adulteration) सुनते रहे होंगे, लेकिन गोरखपुर में आलू-जिसे सब्जियों का राजा कहा जाता है-भी नकली बिकने लगा। यह खेल पुराने आलू को केमिकल के जरिए नया बनाकर बाजार में बेचने (This game is about making old potatoes new through chemicals and selling them in the market) का था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इस जानलेवा करतूत का पर्दाफाश करते हुए 180 क्विंटल केमिकलयुक्त आलू को जब्त कर नष्ट (180 quintals of chemically laden potatoes seized and destroyed) करवा दिया।
मंडी में नकली आलू बनाने का भंडाफोड़
खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव और अंकुर मिश्रा के नेतृत्व में महेवा मंडी में छापेमारी की गई। यहां टीम ने देखा कि गड्ढों में पुराने आलू को दबाया जा रहा था। इसके बाद उन्हें एक केमिकल में मिलाकर निकाला जाता था। इस प्रक्रिया में पुराने आलू के छिलके नरम हो जाते थे, जिन्हें बूट से कुचलकर हटाया जाता था। इसके बाद आलू पर लाल मिट्टी लगाई जाती थी ताकि उन्हें नया दिखाया जा सके। इस पूरे काम को इतना सफाई से अंजाम दिया जा रहा था कि ग्राहक आसानी से इसे नया आलू मानकर खरीद लेते थे।
सेहत के लिए बड़ा खतरा
खाद्य अधिकारियों के अनुसार, इस तरह से तैयार किए गए आलू में इस्तेमाल किए गए केमिकल मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक (Chemicals extremely harmful to human health) हैं। इनका सेवन करने से आंत और लिवर संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। जब्त किए गए आलू की मात्रा 180 क्विंटल थी, जिसे तुरंत नष्ट करवा दिया गया। कारोबारी से पूछताछ में पता चला कि ये आलू उन्नाव और बाराबंकी से सप्लाई किए गए थे और इन्हें नेपाल और बिहार के बाजारों में भेजा जाना था।
कैसे पहचानें नकली आलू?
अगर आप भी बाजार से नया आलू खरीदने जा रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि नकली और असली आलू में फर्क पहचानना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ तरीकों से इसे पहचाना जा सकता है।
- आलू को पानी में भिगोने पर यदि उसका छिलका आसानी से उतर जाए, तो यह नकली हो सकता है।
- दबाने पर यदि आलू मुलायम महसूस हो, तो यह पुराना हो सकता है जिसे केमिकल से नया बनाया गया है।
- असली और ताजा आलू सख्त होता है और कुछ दिन बाद सूखने पर ही नरम होता है।
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सेहत पर खिलवाड़
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुनाफे के लिए मिलावटखोर (Adulterant for profit) किसी भी हद तक जा सकते हैं। गोरखपुर की इस घटना ने उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है। ऐसे में हर व्यक्ति को खाद्य सामग्री खरीदते समय सतर्क रहना चाहिए और संदिग्ध चीजों की सूचना तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को देनी चाहिए।