बूंदी। राजस्थान के बूंदी जिले स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (Ramgarh Vishdhari Tiger Reserve) में बाघों का कुनबा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। बुधवार का दिन इस अभ्यारण के लिए खास रहा, क्योंकि कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क (Abheda Biological Park of Kota) से लाए गए नर शावक को यहां रिलीज किया गया। यह शावक अब अपने नए घर में रहने के लिए तैयार है। नर शावक को रामगढ़ के सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा (Male cub released in soft enclosure of Ramgarh) गया है, जहां उसके व्यवहार और अनुकूलन प्रक्रिया का अध्ययन कुछ दिनों तक किया जाएगा।
23 दिन में दूसरी एंट्री, टाइगर रिजर्व को मिला नया सदस्य
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, जो प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व (State’s fourth tiger reserve) है, बाघों के लिए एक सुरक्षित और आदर्श स्थल बन रहा है। इससे पहले 10 नवंबर को अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ को यहां लाया गया था। अब, 23 दिन बाद, कोटा के अभेड़ा पार्क से एक ओर नर शावक को यहां लाकर रामगढ़ का बाघों का कुनबा और बढ़ाया गया। वर्तमान में यहां दो नर, एक मादा बाघ और दो शावक पहले से मौजूद हैं।

रेडियो कॉलर और ट्रैंकुलाइजेशन के बाद सफर शुरू
नर शावक को रामगढ़ में रिलीज (Male cub released in Ramgarh) करने की प्रक्रिया बुधवार सुबह 10 बजे शुरू हुई। सबसे पहले कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में उसे ट्रैंकुलाइज किया गया। डॉक्टरों की एक टीम ने शावक का हेल्थ चेकअप किया और रेडियो कॉलर (Radio collar) पहनाया। यह रेडियो कॉलर शावक की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बेहद जरूरी है। सवा 11 बजे फॉरेस्ट विभाग की टीम शावक को लेकर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के लिए रवाना हुई और दोपहर 2ः18 बजे उसे सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा गया।
अभेड़ा पार्क से आया शावक
यह नर शावक रणथंभौर की मशहूर बाघिन टी-114 की संतान है। इसका जन्म नवंबर 2022 में रणथंभौर रिजर्व में हुआ था। बाघिन टी-114 की मौत के बाद नर और मादा दोनों शावकों को 1 फरवरी 2023 को कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था। उस समय दोनों शावक केवल ढाई महीने के थे। इनकी परवरिश वन विभाग के कर्मियों द्वारा की गई। अब नर शावक का वजन लगभग 170 किलो हो चुका है, जबकि मादा का वजन 130 किलो है।
भारत सरकार से मिली अनुमति के बाद हुआ स्थानांतरण
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने पहले ही इन शावकों को जंगल में छोड़ने की अनुमति दे दी थी, लेकिन भारत सरकार की अंतिम मंजूरी का इंतजार था। हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अनुमति मिलते ही नर शावक को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में रिलीज किया गया। मादा शावक फिलहाल अभेड़ा में है, जिसे जल्द ही मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया जाएगा।

रिलीज के दौरान मौजूद रहे अधिकारी
नर शावक को रामगढ़ में छोड़ने की प्रक्रिया के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें सीसीएफ आरके खैरवा, वाइल्डलाइफ डीएफओ अनुराग भटनागर, मुकुंदरा डीएफओ मुथु एस, रामगढ़ विषधारी डीएफओ संजीव शर्मा, रणथंभौर पशुपालन विभाग के डॉ. राजीव गर्ग और डॉ. तेजेंद्र रियाड प्रमुख थे। इसके अलावा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के राजशेखर और उनकी टीम, अभेड़ा पार्क का स्टाफ, और अन्य वन्यजीव विशेषज्ञ भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
रामगढ़ विषधारी बाघों के लिए सुरक्षित घर
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व राजस्थान के उभरते टाइगर रिजर्व में से एक है। यहां का अनुकूल वातावरण और विस्तृत हरियाली बाघों के लिए आदर्श है। नर शावक की एंट्री के साथ ही यह स्थान अब और अधिक बाघों को आश्रय देने के लिए तैयार हो रहा है। यह कदम न केवल बाघों के संरक्षण में मददगार साबित होगा, बल्कि इस क्षेत्र के इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा देगा।
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मादा बाघ की अगली बारी
अब, सभी की निगाहें मादा शावक पर हैं, जिसे मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में जल्द ही रिलीज किया जाएगा। यह प्रयास राजस्थान में बाघ संरक्षण को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बाघों के सुरक्षित और अनुकूलन जीवन के लिए इस तरह के प्रयासों से राज्य की जैव विविधता और समृद्ध होगी।