जयपुर। राजस्थान में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के परिसीमन का काम शुरू करने की कवायद (Effort to start delimitation work) प्रदेश सरकार ने कर दी है। राजस्थान में करीब 158 नगरीय निकायों का परिसीमन किया जाएगा।
स्वायत्त शासन निदेशालय से जारी आदेशों के अनुसार प्रदेश में करीब 49 नगरीय निकाय ऐसे हैं जिनका कार्यकाल इसी महीने में समाप्त हो रहा है और करीब सो से अधिक नगरीय निकाय ऐसे हैं जो नए बने हैं और उनका कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है। नए बने नगरीय निकाय पंचायत से क्रमोन्नत करके नगर पालिकाएं (Municipality) बनाई गई है वे शामिल है। सरकार के जारी आदेशों के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारियों को 1 दिसंबर से परिसीमन का काम शुरू करना होगा और उसका पहला ड्राफ्ट प्लान 30 दिसंबर तक बनकर प्रकाशित करना होगा और इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि निकायों के वार्डाे का परिसीमन पुरानी जनगणना 2011 के अनुसार (Delimitation as per old census 2011) ही किया जाएगा। जिससे निकायों के वार्ड कम हो जाएगंे।
एक थाने में होगा पूरा वार्ड
परिसीमन में वार्डों की सीमांकन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि कोई भी वार्ड एक से अधिक थाना क्षेत्र या पुलिस उपायुक्त क्षेत्राधिकार में नहीं आएगा और एक बार केवल एक ही पुलिस थाना क्षेत्र में रखा जाएगा। इसी तरह विधानसभा क्षेत्र का ध्यान रखा जाएगा ताकि कोई भी वार्ड की सीमा एक से अधिक विधानसभा क्षेत्र में ना हो।
इस तरह होगा वार्डों की सीमांकन
जनगणना 2011 के अनुसार जिस निकाय क्षेत्र की जनसंख्या 15 हजार से कम है वहां 20 वार्ड बनाए जाएंगे और जिन निकाय में 15 हजार से 25 हजार तक की जनसंख्या है वहां 25 वार्ड और जहां 25 हजार से 40 हजार तक की जनसंख्या है उन निकायों में 35 वार्ड होंगे तथा 40 से 60 हजार तक की जनसंख्या वाले निकायों में 40 वार्ड और 60 से 80 हजार तक की जनसंख्या वाले निकाय में 45 वार्ड तथा 80 हजार से 1 लाख तक की जनसंख्या वाले निकायों में 55 वार्ड बनाए जाएंगे।
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एक लाख से दो लाख तक की जनसंख्या वाले निकाय में 60 वार्ड तथा 2 लाख से 3ः50 लाख तक की जनसंख्या वाली निकायों में 70 वार्ड और 5 लाख से 10 लाख तक की जनसंख्या वाले निकायों में 80 वार्ड तथा 10 लाख से 13 लाख तक की जनसंख्या वाले निकायों में 100 वार्ड और 13 लाख से 15 लाख तक की जनसंख्या वाले निकाय में 110 वार्ड तथा 15 लाख से 25 लाख तक की जनसंख्या वाले निकाय में 130 वार्ड और 25 लाख से 35 लाख तक की जनसंख्या वाले निकाय में 150 वार्ड बनाए जाएंगे।