बूंदी। राजस्थान के चौथे, तेजी से उभरते रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (RVTR) में सोमवार सुबह एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब पहली बार एक नर बाघ को ट्रेंकुलाइज करके शॉफ्ट एन्क्लोजर में छोड़ा गया। सरिस्का का यह बाघ 2303, जो हरियाणा के झाबुआ से लाया गया है, अब रामगढ़ टाइगर रिजर्व का नया राजा बनेगा और उसे RVTR- 4 के नाम से पहचाना जाएगा।
रामगढ़ के एनक्लोजर में रिलीज किया
यह नया नर बाघ, जिसे सरिस्का टाइगर रिजर्व से ट्रेंकुलाइज कर लाया (Tranquilized and brought from Sariska Tiger Reserve) गया है, लगभग तीन साल का युवा और शक्तिशाली बाघ है। इसे सोमवार तड़के 5.30 बजे रामगढ़ के बजालिया एनक्लोजर में सुरक्षित रूप से रिलीज किया गया। इससे पहले रामगढ़ में दो मादा बाघिनों को भी शिफ्ट किया गया था, और अब इस नए नर बाघ के आगमन से यहां बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। नए नर बाघ की निगरानी के लिए विशेष टीम को तैनात किया गया है, जो उसकी सभी गतिविधियों पर पैनी नजर रख रही हैं।
नई टेरिटरी की तलाश में भटक रहा था नर बाघ
यह बाघ, जिसे टाइगर 2303 के नाम से जाना जाता था, एक साल से टेरिटरी की तलाश में भटक रहा था और उसने दो बार सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) से बाहर जाने की कोशिश की। वन विभाग के अधिकारियों ने इसे ट्रेंकुलाइज करने के कई प्रयास किए, लेकिन रविवार रात आखिरकार इस कोशिश में सफलता मिली। इसके बाद रामगढ़ टाइगर रिजर्व (Ramgarh Tiger Reserve) की टीम, डीसीएफ संजीव शर्मा के नेतृत्व में, बाघ को लेने हरियाणा पहुंची और उसे रामगढ़ में सुरक्षित रूप से शिफ्ट कर दिया गया।
रामगढ़ के लिए यह क्यों है महत्वपूर्ण?
इस नए बाघ के आने से रामगढ़ टाइगर रिजर्व में दो नर और दो मादा बाघों का कुनबा बन गया है। रामगढ़ के डीसीएफ संजीव शर्मा ने कहा कि इस नए बाघ का आगमन स्थानीय वन्य जीवन के लिए नई संभावनाएं खोलता है। इस युवा बाघ से उम्मीद है कि वह यहां का एक स्थायी निवासी बनेगा और प्रजनन में सहायक सिद्ध होगा। रिजर्व में पहले से मौजूद आरवीटी 1 नामक नर बाघ के साथ अब यह नया बाघ रामगढ़ के जंगलों को बाघों की दहाड़ से गुलजार (New tiger: The forests of Ramgarh are buzzing with the roar of tigers) करेगा।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयास का दिखा असर
इस बाघ को यहां लाने की प्रक्रिया में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी अहम योगदान रहा, जिन्होंने हाल ही में रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों के आने के संकेत दिए थे। उनके प्रयासों से ही एनटीसीए से बाघ को लेकर मंजूरी मिली, और जल्द ही यहां एक और मादा बाघिन भी लाने की तैयारी (Preparation to bring another female tigress also) की जा रही है।
रामगढ में दूसरे राजा ने लगाई उम्मीदों की छलांग,
— City News Rajasthan (@rajasthan_city) November 11, 2024
राज्य के चौथे एवं तेजी से उभरते रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व* में सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे एक नर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर शॉफ्ट एन्क्लोजर में रिलीज किया। नए बाघ को आरवीटी 4 के रूप में पहचाना जाएगा ।
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रामगढ़ टाइगर रिजर्व में गूंजने लगी बाघों की दहाड़
रामगढ़ में नए बाघ के शामिल होने से बाघों की दहाड़ फिर से गूंजने लगी है। यह रिजर्व अब राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बन चुका है और यहां बाघों की संख्या पांच हो गई है। डीसीएफ संजीव शर्मा के अनुसार, यह बाघ शीघ्र ही खुले जंगल में छोड़ा जाएगा, जिससे यह अपने प्राकृतिक माहौल में रह सकेगा। इसके आने से रामगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के संरक्षण और पर्यटन में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, जो पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
सरिस्का टाइगर रिजर्व से रामगढ़ नई टेरिटरी
सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के डायरेक्टर दिनेश दुर्रानी ने बताया कि सरिस्का की बफर रेंज में अब 6 बाघ बचे हैं, जबकि पहले यह बाघ उसी क्षेत्र का हिस्सा था। सरिस्का के अधिकारियों के मुताबिक, इस बाघ को बफर रेंज में छोड़ने की जगह रामगढ़ भेजने का निर्णय वहां बाघों की कमी और नई टेरिटरी के अवसर प्रदान करने के दृष्टिकोण से लिया गया है।
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों का बढ़ा कुनबा
रामगढ़ के जंगलों में इस नए नर बाघ के आगमन से बाघों की संख्या 5 हो गई (Number of tigers increased to 5) है, जिससे वन्य जीवन के संरक्षण के प्रति स्थानीय प्रशासन की प्रतिबद्धता भी सामने आई है। चीतल और अन्य शिकार पशुओं को छोड़ने के साथ ही इस नए बाघ को पर्याप्त प्राकृतिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उसकी स्थायी बस्ती यहां बस सके।
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रामगढ़ में बाघों का आगमन यहां के जंगलों को नई जिंदगी देगा। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में रामगढ़ टाइगर रिजर्व राजस्थान के वन्य जीवों और पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकेगा, जहां बाघों की दहाड़ के बीच प्रकृति प्रेमी इन दुर्लभ वन्य जीवों के अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकेंगे।
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